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सुदामडीह: नाबालिग छात्रा से तीन लोगों ने की थी जबर्दस्ती, 15 अगस्त, 2017 की घटना, दुष्कर्म के आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट

धनबाद: स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में शामिल होकर स्कूल से घर लौट रही नाबालिग छात्रा से 15 अगस्त को सुदामडीह में हुए गैंगरेप रेप के मामले के तीनों आरोपियों के खिलाफ सुदामडीह पुलिस ने सोमवार को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी. छात्रा के साथ जबर्दस्ती करने वाले आरोपियों में दो नाबालिग हैं. इन्हें बाल सुधार […]

धनबाद: स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में शामिल होकर स्कूल से घर लौट रही नाबालिग छात्रा से 15 अगस्त को सुदामडीह में हुए गैंगरेप रेप के मामले के तीनों आरोपियों के खिलाफ सुदामडीह पुलिस ने सोमवार को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी. छात्रा के साथ जबर्दस्ती करने वाले आरोपियों में दो नाबालिग हैं. इन्हें बाल सुधार गृह, धनबाद में रखा गया है.

वहीं तीसरा आरोपी शाहिद कुरैशी अभी मंडल कारा में बंद है. पीड़िता अपनी एक सहेली के साथ स्कूल से लौट रही थी. मुहल्ले के दो लड़के चलने के क्रम में दोनों छात्राओं से अश्लील बातें करने लगे. बातचीत के दौरान दोनों लड़कियों को पकड़ कहीं ले जाने लगे. छात्रा की सहेली किसी प्रकार वहां से भाग निकली थी. बाद में छात्रा के साथ दोनों के अलावा शाहिद ने दुष्कर्म किया. घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी छात्रा को झाड़ी में बेहोश छोड़कर भाग निकले थे. जब पीड़िता को होश आया तो खून से लथपथ अवस्था में वह बाहर निकली. स्थानीय दो युवकों ने छात्रा को अस्पताल में भर्ती कराया था.

फर्जी सर्टिफिकेट पर बचना चाहा रोशन : केस के अनुसंधान में जुटी पुलिस ने जांच में बाल सुधार गृह में बंद रोशन गुप्ता को बालिग बताया गया है. पुलिस ने रोशन का मैट्रिक प्रमाण कोर्ट में प्रस्तुत किया है. इसमें उसका जन्म वर्ष 1998 था. उसने 2014 में मैट्रिक पास किया. गिरफ्तारी के बाद दो अभियुक्तों को कोर्ट ने प्रस्तुत स्कूल प्रमाण पत्र के आधार पर नाबालिग मानते हुए बाल सुधार गृह भेज दिया था. रोशन का प्रमाण पत्र जाली निकला. इसके बाद रोशन के परिजन एक और प्रमाण पत्र लाकर कोर्ट को दिये. पुलिस पाथरडीह मोहन बाजार स्थित डीएवी स्कूल से रोशन का मैट्रिक का प्रमाण पत्र कोर्ट में जमा कर उसके बालिग होने का सबूत दी.

सामने आया पुलिस का गैर जिम्मेदाराना रवैया
स्वतंत्रता दिवस पर बच्ची से गैंगरेप की इतनी बड़ी घटना को ले सुदामडीह पुलिस का रवैया शुरू से बेहद गैर जिम्मेदाराना रहा. घटना की लीपापोती की कोशिश की गयी. पुलिस कार्रवाई के बदले टालमटोल कर रही थी. उसने पीड़िता की मेडिकल जांच करवाने की बजाय प्रकरण को मारपीट का मामला बता दिया. जब बच्ची से गैंगरेप की खबरें मीडिया में आयीं, तब वरीय प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान उस तरफ गया. पुलिस ने पीड़िता की मेडिकल जांच करायी, तो दुष्कर्म की पुष्टि हुई. तब लापरवाही बरतने पर सुदामडीह के तत्कालीन थानेदार किशुन दास को निलंबित कर दिया गया. आरोपियों के खिलाफ दर्ज केस में दुष्कर्म की धारा जोड़ी गयी. पीड़िता अब भी बीमार चल रही है. दो दिन पहले भी पीएमसीएच में इलाज को आयी थी.

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