झरियाः जन सहयोग से डिगवाडीह डी-नोबिली के छात्र राहुल सेन को नया जीवन मिला है, लेकिन उसका हाथ और पैर अभी भी काम नहीं कर रहा है. पूरी तरह स्वस्थ होने में आपकी मदद की अब भी जरूरत है. राहुल झरिया के लक्ष्मीनिया मोड़ निवासी स्कूटर मैकेनिक किरण चंद्र सेन का इकलौता पुत्र है. श्री सेन ने बताया कि 10 मार्च को राहुल मैट्रिक की परीक्षा देकर घर आया.
शाम करीब पांच बजे उसने बताया कि उसके पैर व हाथ काम नहीं कर रहे हैं. बोली लड़खड़ाने लगी. उसे धनसार स्थित चक्रवर्ती नर्सिग होम ले जाया गया. डॉ चक्रवर्ती ने ब्रेन हेमरेज होने की बात कही और रांची के अपोलो अस्पताल ले जाने की सलाह दी. वहां तीन दिन रखने के बाद डॉक्टरों ने कोलकाता के नेशनल न्यूरो साइंसेज सेंटर, पीयरलेस अस्पताल रेफर कर दिया. जहां अस्पताल प्रबंधन ने इलाज पर छह लाख रुपये खर्च होने की बात कही. श्री सेन के लिए अपने स्तर से इतनी बड़ी रकम जुटाना मुश्किल काम था, लेकिन डी-नोबिली स्कूल प्रबंधन मदद को आगे आया.
स्कूल प्रबंधन की भूमिका सराहनीय : श्री सेन ने बताया कि जब पुत्र को अटैक हुआ तो पत्नी रेवा सेन बेहोश हो गयीं. उन्होंने खुद को और पत्नी को किसी तरह संभाला. वे लोग 15 मार्च को डी-नोबिली के प्राचार्य सन्नी जैकब, जेम्स कालापुरा व जेरी से मिल मदद की गुहार लगायी. डी-नोबिली व कार्मल स्कूल के पूर्व छात्र-छात्रओं ने करीब चार लाख से अधिक राशि की मदद की. समाज के विभिन्न वर्गो व देश-विदेश में रहने वाले कोयलांचलवासियों के सहयोग से जुटे छह लाख की राशि से राहुल का सफल ऑपरेशन तो हो गया, लेकिन स्थिति में पूरी तरह सुधार के लिए अब भी एक साल का वक्त लगेगा. इलाज में प्रतिमाह 25 हजार रुपये खर्च आ रहा है. उन्होंने जनप्रतिनिधियों समेत समाज के सभी वर्ग से मदद की अपील की है.
इनकी की भूमिका सराहनीय : डी-नोबिली स्कूल प्रबंधन के अलावा यूएसए के संजय प्रसाद, दिल्ली में रहने वाले झरिया के डॉ श्यामल चौधरी के पुत्र व्यवसायी सोमेश चौधरी, कोलकाता के रंजन भट्टाचार्य, धनबाद के डॉ डी चक्रवर्ती, बीसीसीएल एरिया पांच के जीएम जेपी गुप्ता व झरिया लक्ष्मीनिया मोड़ स्थित मुहल्ले के लोगों ने आर्थिक मदद में अपनी सराहनीय भूमिका निभायी.
ऐसे कर सकते हैं मदद : अगर कोई राहुल की मदद करना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर-9835109504 या प्रभात खबर के झरिया कार्यालय के नंबर-0326-2461212 पर संपर्क कर सकते हैं.