धनबाद. ‘अखबार में जो छप रहा है, वह छपने दो. धंधा जारी रखो. कुछ नहीं होगा. ऊपर तक सेटिंग है.’ यह मैसेज धनबाद जिले के कोयला तस्करों के ग्रुप में छाया हुआ है. प्रभात खबर में अवैध कोयला कारोबार के खिलाफ जारी मुहिम के बाद कुछ जगहों पर कोयला का काला धंधा मंदा हुआ था, लेकिन इस काला धंधा के सरगनाओं के इस मैसेज के बाद कोयला तस्करों के सभी गिरोह बेखौफ धंधे मेें जुटे हैं.
एक वरीय पुलिस अधिकारी ने सरगनाओं को हिम्मत दी है. यह वही अधिकारी हैं, जिनके व्हाट्सअप नंबर पर उन ट्रकों के नंबर मैसेज किये जाते हैं, जिन ट्रकों पर बंगाल से अवैध कोयला लोड हो कर धनबाद आता है. यही वजह है कि बड़े पैमाने पर जारी अवैध कोयला कारोबार को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस महकमे के आला अधिकारियों की बैठक के बावजूद यह काला धंधा जिले के कोने-कोने में दिन दूनी रात चौगुनी रफ्तार से परवान चढ़ता जा रहा है.
निरसा, गोविंदपुर, बलियापुर, बरवाअड्डा, बाघमारा आदि क्षेत्रों में यह कारोबार बेखौफ एवं बेरोकटोक बदस्तूर चल रहा है. खास तौर से पश्चिम बंगाल से जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में पुलिस की नाक के नीचे गैैरकानूनी तौर पर अवैध कोयला ट्रकों में लोड होकर पहुंच रहा है. इस धंधे में संलिप्त सिंडिकेट डंके की चोट पर अपने काम को अंजाम दे रहा है.
60-65 हजार रुपये की वसूली
धनबाद के विभिन्न कोलियरी क्षेत्रों में अवैध उत्खनन के अलावा रानीगंज कोयलांचल की बेंजूमारी जमुड़िया, सोनपुर बजारी और इसीएल की बंद खदानों से उत्खनित अवैध कोयला जिले में आसानी से खप रहा है. जानकारों की माने तो रानीगंज, बेंजूमारी, सोनपुर बजारी से ट्रकों पर 35-40 टन कोयला लोड किया जाता है और ऊपर से तिरपाल से बांध दिया जाता है. इन ट्रकों का डाला अन्य ट्रकों की तुलना में ज्यादा ऊंचा बना हुआ रहता है. बंगाल में 10 टन से 40 टन तक अवैध कोयला के लिए प्रति ट्रक 60-65 हजार रुपये वहां के कोल माफिया वसूलते हैं. वहां से यह ट्रक आसानी से बराकर-कुमारधुबी होते हुए सीधे धनबाद पहुंच जाता है. यहां यह कोयला निरसा, गोविंदपुर, बरवाअड्डा, राजगंज, कांडरा, सरायढेला, आमाघाटा, घोड़ामुर्गा आदि जगहों पर संचालित कोक भट्ठों में अनलोड होता है. उसके बाद बंगाल से आये ट्रक वापस लौट जाते हैं. झारखंड सीमा क्षेत्र के घुसते ही इन ट्रकों से धनबाद और राज्य के पुलिस व प्रशासनिक महकमे के नाम पर 500 रुपये प्रति टन के हिसाब से वसूली होती है.
पुलिस खामोश
गोविंदपुर क्षेत्र के 23 कोक भट्ठों, घोड़ामुर्गा में अंजलि साफ्ट कोक भट्टा, आमाघाटा में आर शर्मा, बरवाअड्डा में एस कोक भट्ठा, कांड्रा में संचालित कोक भठ्ठों में तथा राजगंज में वी चौधरी, सरायढेला में आर चौहान, पंचेत में एस राय आदि अपने-अपने निर्धारित ठिकानों पर बंगाल से आया अवैध कोयला गिरा लेतेे हैं. उसके बाद यह कोयला बनारस कोयला मंडी और बिहार-झारखंड में संचालित ईंट भट्ठों, दुबड़ा, अनारा, पुरुलिया आदि इलाकों में ऊंचे दामों पर बेच दिया जाता है. बरवाअड्डा में एक राजनेता के पौत्र द्वारा हजारों साइकिलों के जरिये अवैध कोयला अपने ईंट भट्टा में गिरवाया जाता है और वहां से ट्रैक्टर पर लोड कर चोरी का यह कोयला अपने साफ्ट कोक भट्ठा में लाकर उसे विभिन्न इलाकों में ऊंचे भाव पर बेचा जाता है. जिले भर में बंगाल से कोयला आने और फिर दामोदर पार कर पुरुलिया, अनाड़ा, दुबड़ा आदि क्षेत्रों के भेजे जाने का काला कारोबार इतने बड़े पैमाने पर चल रहा है और इस अवैध धंधे पर रोक लगाने वाले संबंधित अधिकारियों को इसकी भनक नहीं हो ऐसा नामुमकिन है.