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डब्लू के पिटीशन पर बहस, कोर्ट ने मांगा रिज्वाइंडर

धनबाद : पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगाें की हत्या से जुड़े राम अह्लाद राय के मकान में फर्जी नाम बता कर कमरा किराये पर लेकर शूटर को ठहराने व अवैध हथियार रखने के एक अन्य मामले की सुनवाई सोमवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव रंजन की अदालत में हुई. बचाव पक्ष की […]

धनबाद : पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगाें की हत्या से जुड़े राम अह्लाद राय के मकान में फर्जी नाम बता कर कमरा किराये पर लेकर शूटर को ठहराने व अवैध हथियार रखने के एक अन्य मामले की सुनवाई सोमवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव रंजन की अदालत में हुई. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता देवीशरण सिन्हा व जावेद ने बहस की. अभियोजन से अपर लाेक अभियोजक मो जब्बाद हुसैन ने अपना पक्ष रखा.

अदालत ने उभय पक्षों की दलील सुनने के बाद अभियोजन को रिज्वाइंडर देने का आदेश दिया. इसी मामले में शूटर कुर्बान अली उर्फ सोनू, सागर सिंह, अमन सिंह व रोहित सिंह को उपस्थापन कराया गया. ज्ञात हो कि इस मामले में डब्लू मिश्रा को अदालत ने 23 मई को जमानत दे दी थी. केस के आइओ ने 23 अगस्त को दो आवेदन दायर कर फिंगर प्रिंट व ब्लड सेंपल लेने के लिए न्यायिक दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति करने की मांग की.

न्यायिक दंडाधिकारी अर्पित श्रीवास्तव ने जेल जाकर बंद चार शूटर समेत डब्लू मिश्रा का फिंगर पिंट व ब्लड सेंपल लेकर एफएसएल को भेजा. बचाव पक्ष के अधिवक्ता जावेद ने बताया कि साक्ष्य अधिनियम की धारा 73 में फिंगर प्रिंट लेने का जिक्र है. लेकिन यह धारा कहती है कि कोर्ट डायरेक्ट आदेश करेगा. यह उस वक्त लागू हो सकता है जब मामला ट्रायल या प्रोसिंडिंग कोर्ट के सामने लंबित रहेगा. यह केस अभी अनुसंधान में है. अनुसंधान के दरम्यान फिंगर प्रिंट लेना संवैधानिक अधिकार का हनन और कानून के विपरीत है. कोई भी दंडाधिकारी अनुसंधान में शामिल नहीं हो सकता है और न ही आइओ को सहयोग कर सकता है.
डब्लू मिश्रा की हुई कोर्ट में पेशी : रेलवे का लोहा चोरी करने व डेढ़ लाख रुपये की छिनतई में आरोपित डब्लू मिश्रा के मामलों की सुनवाई साेमवार को न्यायिक दंडाधिकारी जीव की अदालत में हुई. अदालत में जेल में बंद डब्लू मिश्रा को उपस्थापन कराया गया. अदालत ने दोनाें मामले सुनवाई की अगली तिथि 23 सितंबर मुकर्रर कर दी.
ढुलू मामले में बचाव साक्षियों को समन का आदेश : सड़क दुर्घटना में मारे गये वकील महतो की मौत को लेकर सड़क जाम कर आवागमन बाधित करने के मामले में सुनवाई सोमवार को प्रभारी अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी प्रताप चंद्रा की अदालत में हुई. अदालत ने पूर्व में ही बचाव साक्षियों को समन करने का आदेश दिया था. अब इस मामले में सुनवाई 10 नवंबर को होगी. बचाव पक्ष से अधिवक्ता ललन किशोर प्रसाद व एनके सबिता ने पैरवी की.
इंश्योरेंस कंपनी को 3.48 लाख भुगतान का आदेश : जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष नित्यानंद सिंह, सदस्यद्वय पुष्पा सिंह व नरेश प्रसाद सिंह की तीन सदस्यीय पीठ ने सोमवार को परिवादी पुराना बाजार धनबाद निवासी मो शमीउल्ला अहमद के पक्ष में फैसला सुनाया. फोरम ने विपक्षी शाखा प्रबंधक यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड धनबाद शाखा कतरास रोड धनबाद को निर्देश दिया कि वह साठ दिनों के अंदर 3.48 लाख रुपये का भुगतान परिवादी को करें. समय सीमा के अंदर भुगतान न करने पर नौ फीसदी ब्याज के साथ परिवादी को यह भुगतान करना होगा. फोरम ने वाद खर्च एवं मानसिक यातना के लिए सात हजार रुपये का भुगतान भी विपक्षी को करने का निर्देश दिया.
क्या है मामला : परिवादी महेंद्रा जयलो गाड़ी का मालिक है. उसने विपक्षी कंपनी से बीमा कराया जिसकी वैधता 12 मार्च 14 से 11 मार्च 15 तक थी. परिवादी 14,533 रुपये का प्रीमियम जमा करता था. 13 जुलाई 14 को गाड़ी कोलकाता जाते समय जमुरिया आसनसोल में दुर्घटनाग्रस्त हो गयी. गाड़ी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी और गाड़ी पर सवार मित्र की मौत हो गयी. डंपर ने गाड़ी को टक्कर मारी थी. गाड़ी की मरम्मत संबंधी क्लेम खारिज कर दिया गया.

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