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एमसीआइ ने फिर चेताया, एक महीने की दी मोहलत कमियां दूर करें, नहीं तो छीन लेंगे पीएमसीएच की मान्यता
धनबाद : लगातार शिक्षकों (डॉक्टरों) की कमी झेल रहे पीएमसीएच की मान्यता पर एक बार फिर खतरा मंडरा रहा है. मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) ने पीएमसीएच प्रबंधन को एक माह के अंदर चिकित्सकों की कमी पूरी करने का निर्देश दिया. कमी पूरी नहीं होने पर मान्यता छीन लेने की चेतावनी दी है. पत्र पाते […]
धनबाद : लगातार शिक्षकों (डॉक्टरों) की कमी झेल रहे पीएमसीएच की मान्यता पर एक बार फिर खतरा मंडरा रहा है. मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) ने पीएमसीएच प्रबंधन को एक माह के अंदर चिकित्सकों की कमी पूरी करने का निर्देश दिया. कमी पूरी नहीं होने पर मान्यता छीन लेने की चेतावनी दी है. पत्र पाते ही कॉलेज प्रबंधन में हड़कप मचा है. आनन-फानन में इसकी सूचना मुख्यालय को दी गयी है.
निरीक्षण में मिले थे मात्र 32 प्रतिशत चिकित्सक : पीएमसीएच 50 सीटों के लायक भी है कि नहीं इस बाबत संसाधन व मैन पावर देखने 27 जुलाई को एमसीआइ की टीम ने औचक निरीक्षण किया था. इस दौरान टीम को यहां मात्र 32 प्रतिशत चिकित्सक ही मिले थे. इतने कम चिकित्सक के मिलने से टीम का माथा ठनका था. हालांकि पीएमसीएच ने बताया कि उनके पास 40 प्रतिशत शिक्षक हैं. लेकिन यह भी पर्याप्त नहीं है.
चार साल में भी कमी नहीं हुई पूरी
पीएमसीएच में सीटों की संख्या 50 से 100 करने को लेकर एमसीआइ ने सशर्त मान्यता दी थी. शर्त थी कि छह माह के अंदर शक्षिकों की कमी पूरी कर ली जायेगी. वहीं संसाधन वर्ष भर में विकसित कर लिये जायेंगे. लेकिन आज तक शक्षिकों की कमी पूरी नहीं हो पायी है. इसी तरह हर वर्ष सरकार एमसीआइ को वायदा करती रही और वर्ष 2014, 2015 व 2016 में सौ सीटों पर नामांकन ले लिया. लेकिन शिक्षकों की कमी पूरी नहीं हुई. इस वर्ष नाराज होकर एमसीआइ ने सीटें घटाकर 50 कर दी.
न रिटायर प्रोफेसर आये, न जूनियर डॉक्टर
पीएमसीएच में फिलहाल 12 विभागों में एचओडी का पद खाली है. दूसरे चिकित्सकों को प्रभार में देकर चलाया जा रहा है. नियमित प्रोफेसर नहीं मिलने के बाद सरकार ने रिटायर होने वाले प्रोफेसरों के लिए तीन बार बहाली निकाली, लेकिन मात्र एक-दो चिकित्सक ही यहां आये. दूसरी ओर जूनियर डॉक्टरों के लिए भी तीन से चार बार बहाली निकाली गयी, लेकिन मात्र पांच से दस लोग ही आये.
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