इसके लिए विभाग का आइआरसीटीसी के साथ एमओयू हुआ है. भ्रमण के लिए राशि की व्यवस्था एसएसए एवं आरएमएसए से की जायेगी. राशि कम पड़ने पर झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद एवं झारखंड माध्यमिक शिक्षा परियोजना परिषद से इसकी व्यवस्था की जा सकेगी. भ्रमण में लगभग पांच करोड़ दो लाख रुपये खर्च हो सकते हैं. इसका लाभ कल्याण विभाग द्वारा संचालित एकलव्य आश्रम आदि स्कूल के बच्चों को भी मिलेगा.
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सरकारी स्कूल के बच्चे भी करेंगे देश भ्रमण
धनबाद: सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं को विभिन्न राज्यों के भ्रमण का मौका मिलेगा. छात्र-छात्राओं को अन्य राज्यों के सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवेश से रू-ब-रू कराने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम की शुरुआत की है. इसके तहत छठी से बारहवीं कक्षा के बच्चों को विभिन्न राज्यों का भ्रमण कराया जायेगा. इसके लिए […]
धनबाद: सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं को विभिन्न राज्यों के भ्रमण का मौका मिलेगा. छात्र-छात्राओं को अन्य राज्यों के सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवेश से रू-ब-रू कराने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम की शुरुआत की है. इसके तहत छठी से बारहवीं कक्षा के बच्चों को विभिन्न राज्यों का भ्रमण कराया जायेगा.
ऐसा होगा भ्रमण कार्यक्रम : यात्रा एक साथ चार कोटि में विभिन्न राज्यों के लिए करायी जायेगी. हर कोटि में 950 बच्चों के साथ 50 शिक्षक-शिक्षिकाएं होंगे. यात्रा के लिए रेल मार्ग से ही आइआरसीटीसी से प्रस्ताव मिला है. हटिया-न्यू जलपाइगुड़ी-दार्जिलिंग में पांच दिनों का भ्रमण होगा. वहीं हटिया-यशवंतपुर (बेंगलुरु)-मैसूर में छह दिनों का भ्रमण होगा. हटिया-दिल्ली-आगरा में पांच दिन एवं हटिया-मुंबई-महाबलेश्वर में छह दिनों का भ्रमण होगा. चारों भ्रमण में पांच करोड़ दो लाख रुपये खर्च होंगे.
हर वर्ष होगा भ्रमण : प्रमंडलवार भ्रमण चारों कोटि में हर वर्ष होगा. उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के सात जिलों से 280 बच्चे एवं 15 शिक्षक-शिक्षिकाएं होंगे. भ्रमण के दौरान बच्चों व शिक्षकों को चार्टर्ड रेल के शयनयान मिलेंगे. धर्मशाला, डॉरमेट्री, होटल में शेयरिंग आधार पर रात्रि विश्राम, दर्शनीय स्थान पर एनएसी बसों द्वारा बच्चों को ले जाया जायेगा. इसके अलावा रोज सुबह की चाय व नाश्ता, दोपहर का खाना, शाम की चाय, रात का खाना, पानी उपलब्ध कराया जायेगा.
इनका होगा चयन : भ्रमण के लिए कक्षावार चयन किया जायेगा. प्राथमिकता के आधार पर मेधावी छात्र, शत-प्रतिशत उपस्थिति वाले छात्र, सबसे निम्न स्तर के साक्षरता दर वाले पंचायत के छात्र आदि का चयन किया जायेगा. वहीं उन्हीं शिक्षकों का चयन होगा, जिन्होंने अपने स्कूल के लिए अनुकरणीय कार्य किये हों.
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