उसके पास 50 रुपया था. वह कुमारधुबी स्टेशन से ट्रेन से धनबाद चली गयी. धनबाद से वह पुनः घर वापस लौटना चाहती थी, लेकिन उसे पता नहीं चल रहा था कि कुमारधुबी कहां है. धनबाद से वह ट्रेन पकड़ कर हावड़ा स्टेशन पहुंच गयी. टीटीइ ने उसे पकड़ कर हावड़ा रेल हाजत में बंद कर दिया.
इसके बाद रेलवे पुलिस ने उसे हावड़ा पुलिस को सुपुर्द कर दिया. जानकारी नहीं मिलने पर पुलिस ने उसे कोलकाता के सुकन्या शिशु होम में डाल दिया गया. इधर, उसकी मां ने मैथन ओपी में शिकायत दर्ज करायी. तीन माह बाद पता चला कि सुकन्या होम में है. तब विधायक श्री चटर्जी ने हावड़ा पुलिस से संपर्क किया और उसे बाल कल्याण समिति धनबाद मंगवाया. समिति ने शुक्रवार को उसे मां के हवाले कर दिया. काजल की खोज में बाल कल्याण समिति के प्रकाश, राजेश चौधरी, तापस नाग, खुर्शीद आलम, शीतल पासवान, राजकुमार चौधरी सक्रिय रहे.