पक्षी अपने घोसले के लिए कभी कंसल्टेंट (परामर्शी) बहाल नहीं करते हैं. जबकि हम ऐसा करते हैं. हम कोई ऐसा रास्ता निकालें कि पर्यावरण को कोई नुकसान ही न हो. ये बातें खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कही. वह शुक्रवार को कतरास कॉलेज, कतरासगढ़ द्वारा सिंफर धनबाद के ऑडिटोरियम में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. सम्मेलन का विषय था ‘कोल माइन इनवायरमेंट एंड इट्स मैनेजमेंट.’
Advertisement
कतरास कॉलेज: ‘कोल माइन इनवायरमेंट एंड इट्स मैनेजमेंट’ पर बोले मंत्री सरयू राय, खनन का पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव
धनबाद: पर्यावरण पर खनन का प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. सभी क्षेत्रों ऐसे हालत नहीं हैं, लेकिन कोयला खनन में ज्यादा हैं. इसलिए इस क्षेत्र में बदलाव लाने की जरूरत है. बदलाव नहीं लायेंगे तो स्थिति और भयावह हो जायेंगी. यह सोचना होगा की तकनीक का इस्तेमाल मनुष्य कर रहा है या मनुष्य का इस्तेमाल तकनीक. […]
धनबाद: पर्यावरण पर खनन का प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. सभी क्षेत्रों ऐसे हालत नहीं हैं, लेकिन कोयला खनन में ज्यादा हैं. इसलिए इस क्षेत्र में बदलाव लाने की जरूरत है. बदलाव नहीं लायेंगे तो स्थिति और भयावह हो जायेंगी. यह सोचना होगा की तकनीक का इस्तेमाल मनुष्य कर रहा है या मनुष्य का इस्तेमाल तकनीक. ग्लोबल वार्मिंग की चिंता अपने परिपेक्ष्य में करने की जरूरत है.
वैकल्पिक संस्कृति की सोचें : श्री राय ने कहा कि भगवान शिव पर जलार्पण इसलिए करते हैं कि उन्होंने जो हलाहल पिया था, उससे उन्हें ठंडक मिले, पर आज हम जो विष पैदा कर रहे हैं, उसे पीने वाला कहां है. वही पी रहा है, जो पीने को मजबूर है. हमें औद्योगिक की जगह वैकल्पिक संस्कृति के बारे में सोचना होगा. नीड बेस्ड की जगह ग्रीड बेस्ड डेवलपमेंट कर हम गुलाम संस्कृति की ओर जा रहे हैं. हम यह सोचें कि हम अपने मस्तिष्क को कभी गुलाम नहीं होने देंगे.
खतरे के बारे में सोचना होगा : श्री राय ने कहा कि अपनी उपलब्धियों को गिनाने के पीछे हमारा मकसद लोगों को बताना होता है कि वे जानें कि हम कितना काम कर रहे हैं, लेकिन जिनके लिए कर रहे हैं उन्हें उसका फायदा हो रहा है या नहीं यह सोचने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हमें कोल माइनिंग से पर्यावरण पर पड़ रहे खतरे के बारे में सोचना होगा. प्राचार्य डॉ पीके झा ने कहा कि रिसर्च के क्षेत्र में यह सेमिनार मील का पत्थर साबित होगा. कॉलेज की छात्राआें ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया.
आज होगा समापन : दो दिवसीय इस राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन शनिवार को होगा. कार्यक्रम के दौरान विषय संबंधी एक स्मारिका का विमोचन किया गया. मौके पर आयोजन सचिव डॉ एसी त्रिगुनाइत, वैज्ञानिक जयवर्धन कुमार सहित कई लोग मौजूद थे.
साल में एक बार भी नहीं हुई निगरानी समिति की बैठक : जिला सतर्कता समिति एवं जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद की बैठक शुक्रवार को सिंफर गेस्ट हाउस में मंत्री सरयू राय के साथ हुई. समिति के सदस्यों ने मंत्री को ज्ञापन सौंपा और कहा कि समिति गठन के एक साल तीन माह बाद भी बैठक नहीं हुई है. बैठक नहीं होने से खाद्य सुरक्षा अधिनियम परदर्शी नहीं बन पा रहा है. समिति के सदस्यों को कार्य करने में भी सहयोग नहीं मिल रहा है. इस पर मंत्री श्री राय ने कहा कि निगरानी समिति बैठक करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जायेगी. बैठक में अरूण राय, राकेश सिंह, महेंद्र शर्मा, नागेंद्र सिंह, मिथिलेश पासवान, उपभोक्ता संरक्षण परिषद के कृष्ण लाल रूंगटा, प्रभाष अग्रवाल, विकास सिन्हा, सुनील उरांव, पप्पू पंडित व अन्य मौजूद थे.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement