तीन माह का अग्रिम किराया भी दिया गया. भवन सील करने के खिलाफ सोसाइटी ने हाइकोर्ट में रिट दायर किया गया. इसका फैसला आने से पहले ही उक्त सील भवन को चुपके से एक निजी व्यक्ति को दे दिया गया. वहां रेस्तरां खोल दिया गया. प्रो. वर्मा ने कहा कि शहीद के नाम को मिटाने की इतनी जल्दबाजी है कि अधिकारी सही व गलत भी तय नहीं कर पा रहे हैं.
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शहीद रणधीर की स्मृतियों को मिटाने की साजिश : प्रो. रीता
धनबाद. पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रो. रीता वर्मा ने कहा है कि शहीद पुलिस अधीक्षक रणधीर प्रसाद वर्मा की स्मृतियों को मिटाने की उच्च स्तरीय साजिश चल रही है. लेकिन वह इसे कामयाब नहीं होने देंगी. सोमवार को यहां जारी एक बयान में प्रो. वर्मा ने कहा कि अशोक चक्र से सम्मानित रणधीर वर्मा के नाम […]
धनबाद. पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रो. रीता वर्मा ने कहा है कि शहीद पुलिस अधीक्षक रणधीर प्रसाद वर्मा की स्मृतियों को मिटाने की उच्च स्तरीय साजिश चल रही है. लेकिन वह इसे कामयाब नहीं होने देंगी. सोमवार को यहां जारी एक बयान में प्रो. वर्मा ने कहा कि अशोक चक्र से सम्मानित रणधीर वर्मा के नाम पर राजेंद्र सरोवर बेकारबांध में एक स्मृति भवन चलता था. वर्ष 2011 में हाइकोर्ट के आदेश के नाम पर भवन के ऊपरी भाग को सील कर दिया गया. यह कार्रवाई तब हुई जब रणधीर वर्मा सोसाइटी द्वारा लगातार किराया दिया जा रहा था.
रणधीर वर्मा स्टेडियम चौक से भी खिलवाड़
प्रो. रीता वर्मा ने कहा कि रणधीर वर्मा स्टेडियम का भी नाम बदलने की साजिश हुई. लेकिन विरोध के बाद साजिशकर्ता को पीछे हटना पड़ा. इसी तरह रणधीर वर्मा चौक, जहां शहीद एसपी की आदमकद प्रतिमा लगी हुई है, का भी सौंदर्य बिगाड़ने की कोशिश हो रही है. मूर्ति के ठीक पास एक बड़ा खंभा गाड़ दिया गया है. यह सब एक साजिश है.
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