उन्होंने अपने जीवन में संघर्ष पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब पहली बार फिल्म इंडस्ट्रीज में गए तो उनके सामने ही उनका आवेदन फार्म फाड़ दिया गया. इसके बावजूद हिम्मत नहीं हारी. मम्मी-पापा पढ़ा-लिखाकर बेहतर करियर बनाना चाहते थे. मेरा मन फिल्म इंडस्ट्रीज की ओर लगा हुआ था. प्रयास जारी रखा. डांस इंडिया डांस से करियर की शुरुआत की.
इसमें फाइनल में जाकर हार गया. इसके बाद पहली मराठी फिल्म मांझा में मुख्य भूमिका मिली. तुरंत बाद अशोका सीरियल में काम मिला. उसमें सुसीम नाम से काम किया. इस सीरियल ने उनकी छवि घर-घर पहुंचाने में मदद की. वर्तमान समय में दो फिल्मों में काम कर रहे हैं. एक फिल्म जल्द रिलीज होनेवाली है. उन्होंने कहा कि देवघर के बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है. उन्हें निखारने की जरुरत है. यह छोटा शहर है. इसलिए बड़े शहर में जाने के लिए अधिक अभ्यास की जरुरत है. यहां आकर मन लग रहा है. पहली बार देवघर आया हूं. सुबह बाबा कामनालिंग का दर्शन किया. यहां नटराज डांस एकेडमी का वर्कशॉप सह ग्रांड स्टेज प्रोग्राम में हिस्सा लेंगे. मौके पर डायरेक्टर विक्रम शेखावत, विनोद वर्मा, चिकू समेत कई मौजूद थे.