इस फायरिंग रेंज में 4.73 हेक्टेयर वन भूमि का अधिग्रहण होगा. फायरिंग रेंज पहाड़ की तराई के पास बनेगा. डीएफओ ने बताया कि फायरिंग रेंज के लिए पहले फोरेस्ट क्लीयरेंस होगी. वन भूमि क्षति पूरक के तहत जमीन दूसरी जगह पर उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन को प्रस्ताव भेजा जायेगा. इसके बाद ही फायरिंग रेंज की स्थापना की प्रक्रिया शुरू होगी.
मालूम हो कि पहले जैप पांच का फायरिंग रेंज मोहनपुरहाट से कूछ दूरी पर सिंहरायडीह गांव के पास था. लेकिन उक्त जगह डीआरडीओ के अधीन हो जाने से फायरिंग रेंज हटाया जायेगा.