नये कानून के मुताबिक अब प्रिंसिपल के लिए अपनी चयन कमेटी में स्कूलों के लिए सीबीएसइ और राज्य सरकार द्वारा नामित एक-एक सदस्यों को शामिल करना अनिवार्य होगा. अब इस चयन कमेटियों में पांच या उससे ज्यादा सदस्य होंगे. अभी तक स्कूल की मैनेजिंग कमेटी स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन में अनुभव रखनेवाले सदस्य को नामित करती थी. अब इस अधिकार में सीबीएसइ भी शामिल होगा.
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अब सीबीएसइ भी तय करेगा स्कूलों का प्रिंसिपल
देवघर: सीबीएसइ से मान्यता प्राप्त प्राइवेट और अनएडेड स्कूल अब प्रिंसिपल या स्कूल प्रमुख की नियुक्ति खुद से नहीं कर सकेंगे. दिसंबर के दूसरे सप्ताह में हुई बोर्ड की बैठक में इस बात का निर्णय लिया गया है. बोर्ड ने अपने अधिकार क्षेत्र में आनेवाले सभी स्कूलों में इस तरह की नियुक्तियों की निगरानी का […]
देवघर: सीबीएसइ से मान्यता प्राप्त प्राइवेट और अनएडेड स्कूल अब प्रिंसिपल या स्कूल प्रमुख की नियुक्ति खुद से नहीं कर सकेंगे. दिसंबर के दूसरे सप्ताह में हुई बोर्ड की बैठक में इस बात का निर्णय लिया गया है. बोर्ड ने अपने अधिकार क्षेत्र में आनेवाले सभी स्कूलों में इस तरह की नियुक्तियों की निगरानी का अधिकार अपने हाथ में ले लिया है. सभी राज्य शिक्षा निदेशालयों और स्कूल प्राचार्यों को इस बात से संबंधित जानकारी अधिसूचना के माध्यम से दे दी गयी है.
होगा एलिजिबिलिटी टेस्ट
स्कूल एफलिशिएशन बोर्ड के डिप्टी सेक्रेटरी जयप्रकाश चतुर्वेदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस बात का निर्णय लिया गया है कि अब बोर्ड के द्वारा प्रिंसिपल एलिजिबिलिटी टेस्ट लिया जायेगा. यह टेस्ट कब और कैसा होगा, इससे संबंधित जानकारी बाद में जारी की जायेगी. अगर कोई शिक्षक प्रिंसिपल बनना चाहते हैं, तो उनको बोर्ड द्वारा आयोजित प्रिंसिपल एलिजिबिलिटी टेस्ट यानी पीइटी पास करना होगा. इसके अतिरिक्त वर्तमान में जो प्राचार्य हैं, उन्हें भी अपनी योग्यता को पूरा करने के लिए यह टेस्ट देना होगा. सीबीएसइ के सिटी कोऑर्डिनेटर डॉ मनोहर लाल ने बताया कि बोर्ड के द्वारा इससे संबंधित सूचना यहां भी मिली है.
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