देवघर. हिंदी विद्यापीठ में कक्षा 10वीं में पढ़ने वाले आदित्य कुमार राय ने बैटरी से संचालित एलइडी बल्ब बनाया है. तार विहीन इस बल्ब की खूबी यह है कि इस बल्ब को हाथ में लेकर लोग अंधेरे में टॉर्च की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. इसे चार्ज करने की सुविधा उपलब्ध है.
खपरोडीह (रामपुर) निवासी आदित्य ने बताया कि उनके पिता रवींद्रनाथ राय इलेक्ट्रिक व इलेक्ट्रॉनिक सामान की मरम्मत करते हैं. एक दिन आदित्य के मन में एलइडी लाइट को बैटरी से जलाने का विचार आया. बस फिर क्या था उन्होंने एक स्वीच ली व एक मोबाइल बैटरी और फिर लग गया अपने काम में. उन्होंने कहा कि लगभग डेढ़ सौ रुपये की लागत वाले इस बल्ब में चार्जिंग की सुविधा भी है.
इस बल्ब को चार्ज करने पर तकरीबन दो से तीन घंटा तक रोशनी मिल सकती है. ग्रामीण क्षेत्रों में खासकर जहां बिजली की समस्याएं अधिक है वहां यह बल्ब काफी कारगर साबित हो सकती है.