गत शुक्रवार को वह साधु बनकर सारंगी बजाते हुए अपने घर नाटोपारा आया. गांव में उसे पहले कोई नहीं पहचान सका. बगल के चापाकल में उसका बेटा स्नान कर रहा था. उससे उन्होंने पूछा कि बेटा इस घर का मालिक कहां है. इसके बाद धीरे-धीरे लोगों ने उसे पहचान लिया. उन्होंने अपने परिजनों को बताया कि साधु संतो के साथ वह गोरखपुर में था. मां कामाख्या मंदिर में 5 साल रहा.
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20 साल बाद लौटा मगर साधु बनकर
चितरा : 20 वर्ष पूर्व लापता हुए वासुदेव हेम्ब्रम साधु बनकर गांव लौट आये. इससे उसके परिजन खुश हैं. इस संबंध में उदेश्वर मुर्मू देशमांझी ने कहा कि बिन्दापाथर थाना क्षेत्र के गुहिजोरी के नाटोपारा निवासी वासुदेव हेम्ब्रम 20 वर्ष पूर्व लापता हो गया था. लापता होने का सनहा बिन्दापाथर थाना में दर्ज भी कराया […]
चितरा : 20 वर्ष पूर्व लापता हुए वासुदेव हेम्ब्रम साधु बनकर गांव लौट आये. इससे उसके परिजन खुश हैं. इस संबंध में उदेश्वर मुर्मू देशमांझी ने कहा कि बिन्दापाथर थाना क्षेत्र के गुहिजोरी के नाटोपारा निवासी वासुदेव हेम्ब्रम 20 वर्ष पूर्व लापता हो गया था. लापता होने का सनहा बिन्दापाथर थाना में दर्ज भी कराया गया था. काफी तलाश के बाद भी उसका पता नहीं चला.
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