सारठ: पंचायती राज व्यवस्था में स्कूलों के सुधार में पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका अहम हो गयी है. सोमवार को प्रखंड मुख्यालय के किसान भवन में प्रखंड विकास पदाधिकारी अमित कुमार ने शिक्षा विभाग, पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उनके अधिकारों व दायित्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी. बीडीओ ने कहा : पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधि वार्ड से लेकर मुखिया तक को प्रारंभिक स्कूलों का निरीक्षण कर सुधार की दिशा में पहल करना दायित्व है.
इसके अलावा बच्चों को स्कूलों से जोड़ना, स्कूलों का प्रोपर मॉनिटरिंग करना तथा शिक्षकों को छुट्टी देने का अधिकार शामिल है. शिक्षकों को कम से कम सात दिनों का छुट्टी देने का अधिकार भी मुखिया को ही है. अगर पंचायत के प्रतिनिधि को निरीक्षण में स्कूल बंद मिलता है. वह तुरंत मेरे मोबाइल पर एसएमएस करें. उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी. सभी मुखिया पंचायत कार्यालय में स्कूलों से संबंधित डाटा बेस तैयार कर लें. ताकि निरीक्षण में आसानी हो जायेगी. शिक्षकों को वेतन भुगतान से पूर्व मुखिया से अनुपस्थिति विवरणी लेना होगा. मुखिया के सत्यापन के बाद ही पोशाक के बिल का भुगतान होगा.
बैठक में उप प्रमुख कृष्णा मंडल, बीइइओ विनोद कुमार सिंह, बीपीओ आलमगीर आलम, बीपीआरओ श्रीराम तिवारी, मुखिया मणिभूषण दास, मोहनानंद झा, महेश कुमार सिंह,कुलदीप सिंह, हीतलाल रवानी, नंद किशोर तूरी, सदानंद पोद्दार, दिलीप मंडल, सीतराम किस्कू, पूनम देवी, देवकी देवी, उषा देवी,मूर्ति देवी, मालती हांसदा, रिंकू देवी, सोनू देवी, प्रमीला देवी,पंसस की कुमारी दीक्षा, सुधा देवी, गोपी गोपाल दास, प्रदीप राय, गोर्वधन यादव, चिंटू साह, बीआरपी सुधांशु शेखर सिंह, मनोज सिंह, सीआरपी मनोज सिंह, अनंत सिंह,जय प्रकाश सिंह, प्रफुल्ल मिस्त्री, दिलीप भोक्ता, उज्जवल कुमार सिंह, जयराम राय,नंद किशोर, मनोज चौधरी, सुदाम चंद दत्ता उपस्थित थे.