देवघर: राज्य सरकार व एफसीआइ की लापरवाही से गरीबों के बीच बांटा जाने वाला लगभग डेढ़ लाख क्विंटल चावल देवघर के 11 राइस मिलों में सड़ रहा है. वित्तीय वर्ष 2012-13 में राज्य सरकार ने धान क्रय केंद्र के माध्यम से किसानों से धान की खरीद की थी. किसानों से खरीदारी के बाद यह धान राइस मिलों में मिलिंग करायी गयी. जिले भर में लगभग दो लाख क्विंटल चावल मिलिंग हुई. इसमें 50 लाख क्विंटल चावल राज्य सरकार के सहकारिता विभाग ने एफसीआइ को भेज दिया. लेकिन शेष डेढ़ लाख क्विंटल चावल अब भी राइस मिलों में पड़ा हुआ है. जनवरी 2013 से ही तैयार चावल राइस मिलों में सड़ रहा है. गरीबों का यह चावल जसीडीह एफसीआइ के माध्यम से देवघर ही नहीं, बल्कि संताल परगना के दुमका, साहिबगंज, पाकुड़ व गोड्डा में भी सप्लाइ होता है.
राइस मिलों का गोदाम फुल
पिछले एक वर्ष से राइस मिलों में चावल पड़े होने से राइस मिलों का गोदाम भर गया है. इससे राइस मिलों का अन्य काम बाधित है. धान क्रय केंद्र का ही अभी लाखों क्विंटल धान राइस मिलों के गोदाम में पड़ा है. पिछले दिनों देवघर आये एफसीआइ कार्यपालक निदेशक को देवघर के राइस मिल मालिकों ने चावल बरबाद होने से बचाने के लिए जल्द उठाव की मांग की थी. बावजूद एससीआइ गरीबों के निवाले के प्रति गंभीर नहीं है. एफसीआइ व राज्य सरकार इस रवैये से नाराज राइस मिल मालिक अब सरकार का चावल मिलिंग करने से हाथ उठाने की तैयारी कर रहे हैं.
‘ राइस मिलों से चावल के उठाव की तिथि समय-समय पर एफसीआइ निर्धारित करती है. उसके बाद ही चावल का उठाव होता है. पिछले 31 दिसंबर तक चावल उठाव हुआ था. इसके बाद उठाव बंद कर दिया गया. इस कारण राइस मिलों में चावल पड़ा हुआ है. पुन: अवधि विस्तार केलिए पत्रचार किया गया है. इस मामले से उच्चाधिकारी को भी अवगत करा दिया गया है’
-एनके मिश्र, जिला सहकारिता पदाधिकारी, देवघर
‘ जनवरी 2013 से ही राइस मिलों में सरकारी चावल पड़ा है. राइस मिल में पर्याप्त जगह नहीं होने के कारण गोदाम भर गया है. इससे अन्य धान की मिलिंग भी बाधित है. लंबा समय बीतने के कारण गरीबों का चावल खराब हो रहा है. चावल की बोरियां चूहे कतर रहे हैं. इसकी सूचना कई बार विभाग को दी गयी है. अगर चावल में खराबी आयेगी तो राइस मिल जवाबदेह नहीं होगा.
– रमेश बाजला, अध्यक्ष, देवघर राइस मिलर एसोसिएशन
तीन माह तक बंद रहा बीपीएल चावल का वितरण
चावल का अभाव की बात कहकर देवघर जिले में पिछले तीन माह तक बीपीएल चावल का वितरण बंद रहा. इसके बाद दिसंबर से चावल वितरण शुरू हुआ. जबकि राइस मिलों में सरकार का चावल पड़ा है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार गोदाम में तीन माह से अधिक समय तक चावल रखे जाने पर चावल में खराबी आनी शुरू हो जाती है. इस दौरान चावल सड़ने व कीड़ा लगने के कगार पर पहुंच जाता है.