मधुपुर:शहर के पंचमंदिर रोड स्थित पुस्तकालय में गंगा जगाओ अभियान के सदस्यों द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया. इस अवसर पर यात्रा से लौटे लुकमान, प्रेम व कुंदन ने प्रेस वर्ता के दौरान बताया कि बांधो बराजों और शहर के प्रदुषित पानी के प्रवाह से गंगा पर संकट आ गयी है. बताया कि कन्नौज से फरक्का तक जो गंगा दिखती है. वह वास्तव में गंगा है ही नहीं, वह नाली का पानी है. गंगा के उपरी हिस्से में हाइड्रिल पावर के लिए कई डैम और सुरंग बनाये गये हैं.
जिससे कई प्रकार के असंतुलन-भू धंसान, बाढ कटाव के खतरे उत्पन्न हो गये हैं. बताया कि गंगा नदी का 90 प्रतिशत पानी हरिद्वार तक आते-आते गंग नहर के माध्यम से विभाजित हो जाता है.
बताया कि गंगा नदी में पानी की कमी प्रमुख समस्या है. झारखंड में मिर्जाचौकी से लेकर साहेबगंज के इलाके के 250 के लगभग क्रशर की धुल सीधे गंगा में चली जाती है. उन्होंने बताया कि गंगा जगाओ अभियान की ओर से 1-15 जुन तक यात्रा का आयोजन किया गया था. इस दौरान उक्त जानकारी प्राप्त हुई है. बताया कि गंगा जगाओ अभियान के संचालन के लिए एक संयोजक मंडल का गठन किया गया है. जिसमें डा. योगेंद्र, उदय, ध्रवगुप्त, कुमार चंद्र मरांडी, निलय उपाध्याय, मनीषा बनर्जी, स्वामी शिवानंद, नीलांबर, जगुडी आदि शामिल है. कहा कि गंगा जगाओ अभियान गंगा में नगर निगम द्वारा डाले जा रहे गंदे पानी के विरूद्व जगह-जगह आंदोलन की जायेगी. जिसकी शुरूआत बनारस से की जायेगी.