आदेश का अनुपालन नहीं होने पर एक्सक्यूसन केस दाखिल किया जिसमें वारंट जारी हुआ है. मामला ट्रेन की आरक्षित बोगी में सफर के दौरान पर्स गायब होने का था. दाखिल मुकदमा में उल्लेख है कि वादी की पत्नी विद्या मिश्रा का इलाज श्रीगंगार राम अस्पताल नई दिल्ली में चल रहा था. उन्हें देखने व सेवा के लिए उनकी जेठ सास महामाया देवी व पोती दीक्षा के नाम से तत्काल टिकट लिया था. आरक्षित डब्बे से उनका पर्स गायब कर दिया गया. इससे आर्थिक व मानसिक क्षति हुई. इसकी शिकायत को रेल विभाग ने गंभीरता से नहीं लिया. अंतत : वादी ने उपभोक्ता फोरम में मुकदमा किया.
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रेलवे के चेयरमैन, जीएम व एसएम के विरुद्ध गैर-जमानती वारंट
देवघर: जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम ने हर्जाना का भुगतान नहीं करने के मामले में एक्सक्यूसन केस नंबर 15/2015 हरिकांत मिश्रा बनाम चेयरमैन रेलवे नयी दिल्ली व अन्य की सुनवाई के बाद गैर-जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है. इस वाद के विपक्षी रेलवे बोर्ड के चेयरमैन, इंडियन रेल भवन नई दिल्ली, जीएम, पूर्व केंद्रीय […]
देवघर: जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम ने हर्जाना का भुगतान नहीं करने के मामले में एक्सक्यूसन केस नंबर 15/2015 हरिकांत मिश्रा बनाम चेयरमैन रेलवे नयी दिल्ली व अन्य की सुनवाई के बाद गैर-जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है. इस वाद के विपक्षी रेलवे बोर्ड के चेयरमैन, इंडियन रेल भवन नई दिल्ली, जीएम, पूर्व केंद्रीय रेलवे हाजीपुर तथा स्टेशन मास्टर बैद्यनाथधाम (देवघर) के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया है. फोरम द्वारा पारित आदेश के आलोक में हर्जाना का भुगतान विपक्षियों द्वारा नहीं किया गया था. इसी के चलते उक्त आदेश दिया गया.
65 हजार रुपये का लगाया गया था जुर्माना
नगर थाना क्षेत्र के आरएल सर्राफ रोड निवासी हरिकांत मिश्रा ने उपभोक्तावाद संख्या 47/2013 दाखिल किया था. जिसमें उपरोक्त तीनों को विपक्षी बनाया था. इस वाद में 18 जून, 15 को फैसला आया जिसमें विपक्षियों के विरुद्ध 65 हजार रुपये का हर्जाना लगाया. राशि का भुगतान नौ प्रतिशत सूद की दर से देने का आदेश दिया था.
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