देवघर: दहेज हत्या के मामले में पति मो शराफत अंसारी, सास कुरैशा बीवी व ससुर मो निजामुद्दीन अंसारी को दोषी पाकर आजीवन उम्र कैद की सजा सुनायी गयी. एडीजे सह फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या दो -ओम प्रकाश सिंह ने सेशन केस नंबर 272/09 की सुनवाई के बाद उक्त फैसला भरी न्यायालय में सुनाया गया. साथ ही प्रत्येक को पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया.
अर्थदंड न देने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. सजा पाने वालों में मृतका के पति, सास व ससुर हैं जो पालोजोरी थाने के पहरुडीह गांव के रहने वाले हैं. दहेज के चलते जहर देकर पत्नी लैला बीवी को जान से मार दिया था. तीनों को भादवि की धारा 304 बी तथा 328 में दोषी पाया गया. 304 बी में सश्रम उम्र कैद व 328 में दस साल की सश्रम सजा दी गयी. दोनों सजाएं साथ-साथ चलेगी.
कब घटी थी घटना
यह घटना पालोजोरी थाना क्षेत्र के पहरूडीह में 10 नवंबर 2009 को घटी थी. दर्ज एफआइआर के अनुसार इसी थाने के माथाडंगाल गांव निवासी अयूब अंसारी की बेटी लैला बीवी का निकाह शराफत अंसारी से मई 2009 में हुआ था. दहेज में मोटरसाइकिल की मांग की गयी थी जिसे नहीं देने पर प्रताड़ित किया व जहर देकर मार दिया. इस संबंध में पालोजोरी थाना में कांड संख्या 76/09 दर्ज किया गया और भादवि की धारा 304 बी व 328, 34 लगायी गयी थी. कोर्ट में अभियोजन पक्ष से गवाही का कार्य अपर लोक अभियोजक बीरेंद्र सिंह ने किया जबकि बहस अपर लोक अभियोजक ब्रrादेव पांडेय ने की. बचाव पक्ष से अमर सिंह थे. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद उम्रकैद की सजा दी.
जिन्हें मिली सजा
1. मो शराफत अंसारी (पति)
2.मो निजामुद्दीन अंसारी (ससुर)
3. कुरैशा बीवी (सास)