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दुमका रजिस्ट्री ऑफिस से मंगवाया जायेगा नाथबाड़ी का दस्तावेज

भू-अजर्न विभाग पुराने दस्तावेजों को एकत्र करेगी देवघर : बाबा मंदिर प्रबंधन बोर्ड द्वारा निर्णय लेने के बाद नाथबाड़ी की जमीन का अधिग्रहण की प्रक्रिया में भू-अजर्न विभाग पुराने दस्तावेजों को एकत्र करेगी. बताया जाता है कि अधिग्रहण प्रक्रिया में विभाग नाथबाड़ी की जमीन का दस्तावेज दुमका रजिस्ट्री ऑफिस से मंगवायेगी. दुमका रजिस्ट्री ऑफिस में […]

भू-अजर्न विभाग पुराने दस्तावेजों को एकत्र करेगी

देवघर : बाबा मंदिर प्रबंधन बोर्ड द्वारा निर्णय लेने के बाद नाथबाड़ी की जमीन का अधिग्रहण की प्रक्रिया में भू-अजर्न विभाग पुराने दस्तावेजों को एकत्र करेगी. बताया जाता है कि अधिग्रहण प्रक्रिया में विभाग नाथबाड़ी की जमीन का दस्तावेज दुमका रजिस्ट्री ऑफिस से मंगवायेगी.

दुमका रजिस्ट्री ऑफिस में 1932 से पूर्व के दस्तावेजों को निकाला जायेगा. इसमें नाथबाड़ी से जुड़े नाथ संप्रदाय के प्रमाणित दस्तावेज को भी निकलाया जायेगा. रजिस्ट्री ऑफिस में डीड की कॉपी से जमींदार का नाम व नाथ संप्रदाय के महंत का नाम-पता चल पायेगा.

अधिग्रहण प्रक्रिया में अंचल स्तर से नाथबाड़ी की चौहद्दी व रकवा का सर्वे किया जायेगा. बताया जाता है कि लगभग दो एकड़ वाली नाथबाड़ी की जमीन असर्वेक्षित है, इस कारण जमीन का नक्शा नहीं बन पाया. लखराज प्रकृति की नाथबाड़ी की जमीन का लगान भी निर्धारण नहीं हो पाया था, इससे इस प्लॉट का खाता नहीं खुला. असर्वेक्षित जमीन होने के कारण नाथबाड़ी का दस्तावेज प्रशासन को जल्द नहीं मिल पा रहा है.

नाथ संप्रदाय की बंदोबस्ती भी तलाशी जा सकती है

बताया जाता है कि अधिग्रहण प्रक्रिया में नाथबाड़ी की जमीन के दस्तावेजों की तलाशी में प्रशासन दुमका रजिस्ट्री ऑफिस से नाथ संप्रदाय के बंदोबस्ती का दस्तावेज निकालेगी. इसमें देखा जायेगा कि नाथ संप्रदाय को कब जमीन बंदोबस्त मिली. इनके कौन-कौन महंत दीगर में थे. नाथबाड़ी से नाथ संप्रदाय का धार्मिक महत्व जुड़ा है. नाथबाड़ी में नाथ संप्रदाय के कई महंतों का समाधि भी है.

इसलिए प्रशासन नाथ संप्रदाय का नाथबाड़ी के सारे प्रमाण पत्रों को भी जुटाने में लगी है. वर्षो पुराने इसका दस्तावेज दुमका से ही मंगवाना उचित समझा जा रहा है. वैसे जमींदारी उन्मूलन से पहले जमींदार अपने महंत व पुजारियों को मौखिक रूप से भी जमीन दान में देते थे, उक्त समय कागजात से अधिक दान का महत्व था. इस कारण ही नाथ संप्रदाय का समाधि स्थल भी नाथबाड़ी में बना.

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