इस घटना में राजेशानंद झा के बयान पर गांव के फुलचंद्र मांझी, राजेश मांझी, नुनू मांझी, मंगली मांझी समेत अज्ञात लोगों पर मारपीट व छिनतई की प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी थी. ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस द्वारा एकतरफा कार्रवाई की गयी. मामले में पुलिस की छापेमारी से घर की महिलाएं डरी-सहमी हैं. पुरुष घर छोड़कर भाग गये हैं. अन्य ग्रामीणों में इतना भय है कि लोगों को रास्ता बदलकर रोजी-रोटी की जुगाड़ में देवघर जाना पड़ रहा है.
मंगलवार को उक्त जमीन की घेराबंदी के लिए नींव खुदाई की जा रही थी, इस पर आपत्ति करने के दौरान ही विवाद हो गया. ग्रामीणों का कहना है कि उल्टे जमीन घेरने आये लोगों ने ही महिलाओं के साथ मारपीट व गाली-गलौच किया, लेकिन पुलिस की मिलीभगत से ग्रामीणों को ही फंसा दिया गया. अब पुलिस ग्रामीणों को परेशान कर रही है. विराजपुर की इस जमीन को जहां ग्रामीण नावल्द होने का दावा कर रहे हैं, वहीं दूसरा पक्ष इसे रैयती बताकर अपना दावा पेश कर रहे हैं. पूर्व में भी कई बार इस जमीन पर विवाद हो चुका है.