13 को खरना मनाया गया. रविवार को भगवान सूर्य को अर्घ्य व छाग बलि दी गयी. श्री चौधरी ने बताया कि यह पूजा परदादा चेथरु चौधरी ने लगभग दो सौ साल पहले शुरू की थी.
उस परिपाटी को स्व चौधरी के वंशज आज तक निभा रहे हैं. इसे सफल बनाने में राजेंद्र चौधरी, गणेश चौधरी, कैलाश चौधरी, हेमंत चौधरी, रंजीत चौधरी, श्रवण चौधरी, बोलबम चौधरी, विकास चौधरी, शकुंतला देवी चौधरी, सिंधु देवी चौधरी, साधना कुमारी, प्रेमलता देवी चौधरी, शिखा देवी चौधरी आदि ने सराहनीय भूमिका निभायी.