एसीपी प्रदान करने का था. संपुष्टि को अनिवार्य बना कर मामला को और जटिल बना दिया गया है. चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को तृतीय वर्ग में प्रोन्नति नहीं दी जा रही है. अनुबंध पर कार्यरत कर्मियों की सेवाएं संपुष्ट नहीं की जा रही है. आरसीएच में कार्यरत फर्मासिष्ट, प्रयोग शाला, प्रावैधिज्ञ, बाल श्रमिक, शिक्षाकर्मी, कम्प्यूटर ऑपरेटर, डाटो अाॅपरेटर आदि को सरकार के निर्णय के बाद भी स्थायीकरण नहीं किया जा रहा है. एनआरएचएम में कार्यरत कर्मियों को भी नियमित नहीं की जा रही है.
समाहरणालय में कार्यरत लिपिकों शीघ्र कार्रवाई के बाद भी कुछ नहीं हो रहा है. परिवहन विभाग के कर्मियों का समायोजन नहीं हो रहा है. मामला लंबित है. स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एमपीडब्लू को सेवा में वापस लेने में अकारण विलंब किया जा रहा है. दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में नियमित नहीं किया जा रहा है.
सभी विभागों में रिक्त पदों पर नियुक्ति लंबित है. विभागों में आउटसोर्सिंग लाकर निजी हाथों में सौंपने की साजिश की जा रही है. बैठक में महादेव पंडित, शिव दयाल पासवान, सुरेश चंद्र मांझी, राकेश कुमार झा, सुनील कुमार देव, शंकर चौधरी, दिनेश कुमार, विजय कुमार सिंह, सच्चिदानंद पांडेय, मनोज कुमार, शंभु नाथ झा, नरेश प्रसाद वर्मा, लखन मुर्मू, सुश्री स्मिता कुमारी, निशी सिन्हा, अंजली देवी, आशुतोष कुमार चौधरी, अमरनाथ प्रसाद, परशुराम महतो, कैलाश यादव, आलोक कुमार श्रीवास्तव, अमित कुमार ठाकुर, दीपक कुमार ठाकुर, रोशन कुमार, धनंजय कुमार, बादल हेंब्रम, विकास चंद्र मिश्रा, धीरेंद्र कुमार सिंह आदि उपस्थित थे.