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राजस्व बढ़ोतरी के लिए निगम का बड़ा कदम, नन-सेलेबुल जमीन-भवन से भी वसूलेगा संपत्ति टैक्स

देवघर : देवघर नगर निगम क्षेत्र में नन-सेलेबुल जमीन पर रह रहे लोगों के लिए यह एक राहत देनेवाली खबर है. वैसे लोग जो नन-सेलेबुल जमीन पर बसोवास कर रहे हैं, वे अपनी जमीन का टैक्स भरने के लिए पहले से ही प्रयासरत रहे हैं. उनके लिए यह अच्छी खबर है. राजस्व बढ़ोतरी के लिए […]

देवघर : देवघर नगर निगम क्षेत्र में नन-सेलेबुल जमीन पर रह रहे लोगों के लिए यह एक राहत देनेवाली खबर है. वैसे लोग जो नन-सेलेबुल जमीन पर बसोवास कर रहे हैं, वे अपनी जमीन का टैक्स भरने के लिए पहले से ही प्रयासरत रहे हैं. उनके लिए यह अच्छी खबर है. राजस्व बढ़ोतरी के लिए देवघर नगर निगम ने बड़ा कदम उठाया है.

झारखंड नगरपालिका अधिनियम एवं झारखंड नगरपालिका संपत्ति कर (निर्धारण, संग्रहण एवं वसूली) नियमावली के तहत नगर निगम क्षेत्र के सेलेबुल अथवा नन-सेलेबुल जमीन एवं जमीन पर बने मकानों से नगर निगम संपत्ति कर वसूल करेगा. नगर निगम देवघर द्वारा सूचना जारी कर निगम क्षेत्र के भूमि एवं मकान मालिकों से 31 दिसंबर तक पूर्ण ब्योरा मांगा है. ताकि आवेदन के आधार पर संपत्ति का कर निर्धारण कर वसूली की जा सके. वर्तमान में निगम क्षेत्र में व्यावसायिक एवं घरेलू हाउस होल्ड की संख्या पंद्रह हजार से अधिक है.


हाउस होल्ड से वर्तमान में सालान एक करोड़ रुपये से अधिक का कर वसूला जा रहा है. आवेदन के आधार पर नया होल्डिंग जारी होने पर हाउस होल्ड की संख्या दो गुणा से अधिक होने की संभावना है. इस प्रकार हाउस होल्ड सहित भूमि से टैक्स की वसूली हर वर्ष करीब चार से पांच करोड़ रूपये वसूले जाने का अनुमान है.
डाउनलोड कर सकते हैं आवेदन प्रपत्र : भूमि अथवा मकान से संबंधित कर निर्धारण के लिए निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करना अनिवार्य है. निर्धारित प्रपत्र नगर निगम देवधर के वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट देवघर नगर निगम डॉट ओआरजी से डाउनलोड कर आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा नगर निगम कार्यालय एवं संबंधित वार्ड पार्षदों से भी आवेदन प्रपत्र प्राप्त कर सकते हैं. निर्धारित अवधि तक आवेदन जमा नहीं करने वाले भूमि-भवन मालिकों के विरूद्ध नियमावली के तहत कार्रवाई की जायेगी.
होल्डिंग टैक्स का निर्धारण अनिवार्य होगा : वैसे भू-स्वामी जिसका होल्डिंग का निर्धारण पूर्व में नहीं हुआ है. इस नियम के अधिसूचित होने के तीन माह के अंदर विभाग होल्डिंग टैक्स की गणना करेगी. अगर निर्धारित समय के अंदर कोई कर दाता भुगतान में असफल रहता है तो आवासीय संपत्ति पर दो हजार रुपये एवं सभी संपत्तियों पर पांच हजार रुपये जुर्माना देना होगा.
अलग-अलग होगा होल्डिंग का उपयोग : नियमावली के तहत पूर्णत: आवासीय, पूर्णत: वाणिज्यिक अथवा औद्योगिक (स्वामित्व हो अथवा अन्यथा), अंशत: आवासीय एवं अंशत: वाणिज्यिक/औद्योगिक एवं उपखंड में विभिन्न होल्डिंग के तहत टैक्स की वसूली की जायेगी. संचार/मोबाइल टावर एवं उनकी सहायक मशीनों तथा विज्ञापन होर्डिंग/बोर्ड से आच्छादित होल्डिंग क्षेत्र को पूर्णत वाणिज्यिक प्रयोजन के रूप में माना जायेगा. वह क्षेत्र छत हो अथवा खुली/खाली भूमि. यदि किसी खाली जमीन को आवासीय उपयोग के अलावा किसी अन्य प्रयोग में लाया जाता है तो होल्डिंग के उस भाग को पूर्णत वाणिज्यिक समझा जायेगा.
गैर आवासीय होल्डिंग का प्रकार :नियमावली के तहत होटल, रेस्तरां, बार, हेल्थ क्लब, व्यायामशाला, सिनेमा घर, विवाह हॉल, क्लब, अतिथिशाला, मनोरंजन स्थल, दुकान, शो-रुम, गोदाम, वाणिज्यिक कार्यालय, बैंक, अस्पताल, नर्सिंग होम, औषधालय, प्रयोगशाला, सरकारी कार्यालय, उपक्रम, उद्योग, वर्कशॉप, विद्यालय, महाविद्यालय, शैक्षणिक संस्थान, शोध संस्थान, निर्धन, शारीरिक रूप से अक्षम, महिलाओं तथा बच्चों की सामाजिक सुरक्षा के लाभार्थ पूर्ण न्यास, धार्मिक स्थल, सर्विस सेक्टर, इंडस्ट्रीयल सेक्टर एक्टीविटीज सेंटर आदि शामिल किये गये हैं.
खाली भूमि पर भी देना होगा टैक्स
स्थानीय निकाय के अंदर अवस्थित गैर कृषि उपयोग उपयोग में लाये जाने वाले सभी खाली भूमि पर होल्डिंग टैक्स लगाया जायेगा. नगर निगम के प्रधान मुख्य सड़क पर 2.50 रुपये प्रति वर्ग मीटर, मुख्य सड़क पर 2 रुपये प्रति वर्ग मीटर एवं किसी सड़क के किनारे भूमि से एक हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से कर वसूला जायेगा. इसके अलावा नगर परिषद एवं नगर पंचायत क्षेत्रों में निर्धारित नियम के तहत टैक्स की वसूली की जायेगी.

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