प्राचीन अवशेष को मिटाया जा रहा है और धरोहर को नष्ट किया जा रहा है. इस जमीन को भीतरखंड के नाम से लोग जानते हैं जिस पर मंदिर प्रबंधन बोर्ड की ओर से काम कराया जा रहा है. आवेदन में यह भी उल्लेख है कि इसका एरिया तकरीबन 1800 वर्गफीट है जिस पर तेजी से कंस्ट्रक्शन कराया जा रहा है जो न्यायसंगत नहीं है. इस पर शीघ्र रोक लगाने की याचना की है. साथ ही उतरवादियों को अपूरणीय क्षति हो सकती है. न्यायालय में इस आवेदन पर अगली सुनवाई के लिए डेट 21 दिसंबर को निर्धारित की गयी है.
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सरदार पंडा गद्दी विवाद : उतरवादियों ने कोर्ट में दिया पिटीशन, विवादित भूखंड पर हो रहे निर्माण कार्य पर लगे रोक
देवघर: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम की अदालत में चल रहे टाइटिल अपील संख्या 27/13 अजीतानंद ओझा बनाम सुशील झा व अन्य के मामले में अपील के उतरवादियों की ओर से विवादित जमीन पर स्थित यथावत रखने के लिए पिटीशन दाखिल किया गया है. दाखिल पिटीशन में कहा गया है कि सरदार पंडा की […]
देवघर: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम की अदालत में चल रहे टाइटिल अपील संख्या 27/13 अजीतानंद ओझा बनाम सुशील झा व अन्य के मामले में अपील के उतरवादियों की ओर से विवादित जमीन पर स्थित यथावत रखने के लिए पिटीशन दाखिल किया गया है. दाखिल पिटीशन में कहा गया है कि सरदार पंडा की गद्दी के अंतिम दावेदार भवप्रीतानंद ओझा थे जिनके दिवंगत हो जाने के बाद मुख्य पुजारी पद के लिए दावेदारी को लेकर यह मामला दाखिल हुआ है. मुख्य पुजारी यानि सरदार पंडा जिस गद्दी पर बैठा करते थे, उनकी जमीन पर इन दिनों बगैर कोर्ट की अनुमति से निर्माण कार्य किया जा रहा है.
प्राचीन अवशेष को मिटाया जा रहा है और धरोहर को नष्ट किया जा रहा है. इस जमीन को भीतरखंड के नाम से लोग जानते हैं जिस पर मंदिर प्रबंधन बोर्ड की ओर से काम कराया जा रहा है. आवेदन में यह भी उल्लेख है कि इसका एरिया तकरीबन 1800 वर्गफीट है जिस पर तेजी से कंस्ट्रक्शन कराया जा रहा है जो न्यायसंगत नहीं है. इस पर शीघ्र रोक लगाने की याचना की है. साथ ही उतरवादियों को अपूरणीय क्षति हो सकती है. न्यायालय में इस आवेदन पर अगली सुनवाई के लिए डेट 21 दिसंबर को निर्धारित की गयी है.
किस धारा के तहत दिया गया है आवेदन : सीपीसी के आर्डर 39 रूल 1,2 रीड सेक्शन 151 सी के तहत सुशील झा व अन्य की ओर से यह पिटीशन दिया गया है. इस अावेदन पर अपीलकर्ताओं समेत अन्य पक्षकारों के रिज्वाइंडर आने के बाद अगली सुनवाई हो सकती है.
कहां है विवादित भूखंड
बाबा बैद्यनाथ मंदिर परिसर से सटे अंतिम सरदार पंडा भवप्रीतानंद ओझा का आवास है. इसकी चौहद्दी में उल्लेख है कि उतर में मंदानंद झा उर्फ डाकू बाबू का घर, दक्षिण में बाबा बैद्यनाथ मंदिर, पूरब में धर्मरक्षिणी सभा भवन व पश्चिम में पाठक धर्मशाला व गली है. इसका क्षेत्रफल करीब 1800 वर्गफीट है. इसमें भीतरखंड है जहां पर मुख्य पुजारी का आसन है.
क्या है सरदार पंडा की गद्दी का विवाद
सरदार पंडा की गद्दी की दावेदारी को लेकर यह मामला चल रहा है. अंतिम सरदार पंडा भावप्रीता नंद ओझा थे. वे नि:संतान दिवंगत हो गये. उनके नजदीकी वारिशानों ने गद्दी की दावेदारी को लेकर टाइटिल सूट संख्या 64/70 दाखिल किया. जिसकी सुनवाई कई दशकों तक चलती रही. तत्कालीन अवर न्यायाधीश सुनील कुमार सिंह की अदालत द्वारा उक्त सूट में बाबा बैद्यनाथ मंदिर प्रबंधन बोर्ड के पक्ष में फैसला दिया गया था. इस जजमेंट के विरुद्ध प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में अजीतानंद झा व अन्य की ओर से अपील दाखिल की गयी, जिसे एडमिट कर एडीजे पांच की अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया है. इस अपील की सुनवाई चल रही है.
क्या कहते हैं जीपी
मंदिर प्रबंधन बोर्ड की ओर से अधिकृत राजकीय अधिवक्ता बालेश्वर प्रसाद सिंह कहते हैं कि कोर्ट में इस आशय का पिटीशन दाखिल हुआ है. प्रबंधन बोर्ड की ओर से इस संदर्भ में दिशा-निर्देश मिलने के बाद न्यायालय में आगे का कदम उठाया जायेगा. न्यायहित में जो भी कार्य होगा, प्रबंधन बोर्ड की ओर से पहल की जायेगी.
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