13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

??? ??? ???? ?? ??????? ?? ??? ??????

शहर में नहीं जल प्रबंधन का ठोस इंतजामहाल नगर निगम देवघरकिस्त : पहलाफोटो संजीव कीबाबा बैद्यनाथ को जलापर्ण के लिए श्रावणी मेले में लाखों कांवरिये देवघर पहुंचते हैं. अन्य महीनों में भी हर दिन औसतन पच्चीस से तीस हजार श्रद्धालु बाबा पर जलाभिषेक के लिए आते हैं. बावजूद देवघर के लोगों को गरमी समेत हर […]

शहर में नहीं जल प्रबंधन का ठोस इंतजामहाल नगर निगम देवघरकिस्त : पहलाफोटो संजीव कीबाबा बैद्यनाथ को जलापर्ण के लिए श्रावणी मेले में लाखों कांवरिये देवघर पहुंचते हैं. अन्य महीनों में भी हर दिन औसतन पच्चीस से तीस हजार श्रद्धालु बाबा पर जलाभिषेक के लिए आते हैं. बावजूद देवघर के लोगों को गरमी समेत हर मौसम में पानी के लिए तरसना पड़ता है. यहां व्यापक स्तर पर सरकारी तालाब, कुंआ, जोरिया आदि भूमाफियाओं द्वारा अतिक्रमण कर लिये गये हैं. इसके परिणामस्वरूप प्राकृतिक जल स्रोत प्रभावित हुआ है. अतिक्रमण हटाने के लिए कोई ठोस पहल भी नहीं की जा रही है. जल संकट से निबटने के लिए सरकारी एवं प्रशासनिक स्तर पर दावा एवं वादा किया जाता है. लेकिन, धरातल की सच्चाई कुछ अलग कहानी बयां कर रही है. जल प्रबंधन की दयनीय स्थिति पर प्रभात खबर संवाददाता ने विस्तृत पड़ताल की है. प्रस्तुत है किस्तवार रिपोर्ट.संवाददाता, देवघरदेवघर की एेतिहासिक एवं पौराणिक महत्ता है. यहां के लोगों को हर वक्त जल संकट से जूझना पड़ता है. नगर निगम बनने के बाद लोगों को लगा था कि सपना सच होने वाला है. लेकिन, नगर निगम का दूसरा कार्यकाल चल रहा है. बावजूद जल संकट के समाधान एवं प्रबंधन की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. भू-माफियाओं ने शहर के कई पोखर, जोरिया में मिट्टी भर कर उसका अतिक्रमण कर लिया. अतिक्रमित पोखर व जोरिया पर ऊंची-ऊंची इमारत खड़ी है. नतीजा आज भी हर पल लोगों को जल संकट से जूझना पड़ता है. पीने के पानी के लिए लोगों को देर रात से ही सड़कों पर दूर-दूर तक भटकना पड़ता है. नगर निगम का कई हिस्सा पहले से ही ड्राइ जोन घोषित है. ड्राइ जोन में न तो नियमित सप्लाई वाटर की आपूर्ति होती है न ही टैंकर से नियमित रूप से जलापूर्ति होती है. जनप्रतिनिधि भी जल संकट के निबटारे के प्रति गंभीर नहीं दिख रहे हैं. खेती के लिए किसानों की आंखें भी आसमान की ओर टकटकी लगाये रहती हैं. जब शहर के लोगों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा तो किसानों की कौन सुनने वाला ? देवघर की भौगोलिक स्थिति पर पैनी नजर रखने वाले लोगों की माने तो पूर्व में देवघर व आसपास के क्षेत्रों में घना वन क्षेत्र था. वनों की अवैध कटाई के कारण पेड़ों की संख्या कम होती जा रही है. यही वजह है कि बरसात का पानी स्टोर नहीं हो पाता. जल स्रोत भी दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें