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फोटो : सुख रहे धान का , पटवन करते खेतों में पड़े दरार, संकट में किसान सारठ बाजार. बरसात नहीं होने के कारण खेतों में दरारें पड़ चुकी हैं. वहीं धान की फसल भी खात्मे के कगार पर है. इससे किसानों में हाहाकार मच रहा है. अपने खेतों में लगे फसल को बचाने के लिए […]

फोटो : सुख रहे धान का , पटवन करते खेतों में पड़े दरार, संकट में किसान सारठ बाजार. बरसात नहीं होने के कारण खेतों में दरारें पड़ चुकी हैं. वहीं धान की फसल भी खात्मे के कगार पर है. इससे किसानों में हाहाकार मच रहा है. अपने खेतों में लगे फसल को बचाने के लिए किसान अंतिम समय तक मेहनत कर रहे हैं. करीब मास भर पहले जो फसल लहलहा रही थी वे अब सिंचाई के अभाव में सूख चुकी है. कुछ दिन पहले तक किसान जोरिया, नदी व तालाबों से बेजान खेतो में जान फूंकने की जद्दोजहद कर रहे थे पर अब तालाब व जोरिया का पानी भी सूखने लगा है. बताते चलें कि सारठ प्रखंड क्षेत्र के करीब 80 फीसदी लोगों के जीविकाेपार्जन का एक मात्र साधन खेती ही है. लेकिन प्रकृति की मार झेल रहे किसान अब आस लगाये सरकार की ओर देख रहे हैं. सरकार किसानों को राहत देने की बात करती है लेकिन सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सहायता धरातल पर ढाक के तीन पात वाली बात ही साबित हो रहा है. बाराज से भी नहीं मिल रहा लाभ करोड़ों की लागत से तीन दशक बाद बनकर तैयार हुआ अजय बराज भी किसानों के खेतों को पटवन करने में अक्षम है. 80 के दशक में जब इस इलाके से गुजरने वाली अजय नदी पर डैम का निर्माण कार्य शुरू हुआ था तो यहां के किसानों में खुशी थी. उम्मीद थी कि खेतों तक पानी पहुंचेगी. लेकिन समय बीतने के बाद पता चला कि इस डैम का अधिकांश सिंचित क्षेत्र नाला, कुंडहित, जामताड़ा और बंगाल के हैं. हालांकि 2012 में बराज उद्घाटन करने पहुंचे तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा और उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ने बराज क्षेत्र के सभी ऊपरी खेतों में लिफ्ट के माध्यम से सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराने की घोषणा की थी. विभागीय अधिकारियों को डीपीआर बनाकर अमलीजामा पहनाने का निर्देश भी दिया था, लेकिन स्थिति जस के तस बनी हुई है. मदद को सरकार तैयार: मंत्री इस बावत स्थानीय विधायक सह कृषि मंत्री रंघीर सिंह ने कहा कि रघुवर सरकार किसानों की हर संभव मदद के लिए तैयार है. हर दिन क्षेत्र की रिपोर्ट ली जा रही है. बारिश नहीं होने से किसानों को परेशानी हुई भी है इससे इनकार नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि पिछली कई सरकारों ने सुखाड़ की घोषणा की लेकिन आज तक किसानों को कुछ नहीं मिल पाया है. फसल बीमा की राशि भी नाम मात्र ही मिलती रही है. उन्होंने कहा कि किसानों ने फसल बीमा का जो प्रिमियम जमा किया है सरकार उसे भी लौटाने जा रही है. इसके अलावा अन्य कई प्रकार के राहत की घोषणा पांच दिन बाद ही मुख्यमंत्री स्वंय करेंगे.

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