देवघर: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-दो प्रदीप कुमार चौरसिया की अदालत द्वारा सेशन केस नंबर 159/11 राज्य बनाम संदीप कुमार सिंह व अन्य के मामले की सुनवाई के बाद इस मामले के तीनों आरोपितों को दोषी पाकर 10 साल की सश्रम सजा सुनाई गयी. सजा पाने वाले अभियुक्तों में संदीप कुमार सिंह, मुन्ना कुमार सिंह व धर्मेंद्र कुमार सिंह हैं.
तीनों अभियुक्तों को पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया. अर्थदंड न देने पर दो माह की सामान्य कैद की सजा काटनी होगी. तीनों को भादवि की धारा 307,394 में दोषी पाया गया जबकि धर्मेंद्र कुमार सिंह को धारा 324 में दोषी नहीं पाया गया. वहीं अन्य दोनों को भी इस धारा में दोषी पाकर दो साल की सजा दी गयी. सभी सजाएं एक साथ चलेगी. कारा में रहे अवधि को सजा में समाविष्ट कर दिया जायेगा. अभियोजन पक्ष से 10 गवाह दिया गया था, जो दोष सिद्ध करने में सफल रहे.
क्या था मामला
नगर थाना के पुरनदाहा मुहल्ला निवासी रिटायर्ड जिला उद्यान पदाधिकारी सदानंद मिश्रा के बयान पर यह मुकदमा कांड संख्या 51/11 के तहत दर्ज हुआ था. दर्ज एफआइआर में कहा गया है कि उनके घर पर चुड़की सोरेन नामक घरेलू नौकरानी काम किया करती थी. सूचक बाजार गया हुआ था, रात को जब लौटा तो देखा कि घर का दरवाजा खुला हुआ था और नौकरानी खून से लथपथ थी. वह कराह रही थी और गला रेता हुआ बेहोशी हालत में पड़ी हुई थी.
साथ ही घर से मोबाइल व विडियो कैमरा गायब था. उन्होंने जख्मी चुड़की का इलाज कराने सदर अस्पताल देवघर लाया जहां पर होश आने के बाद उक्त आरोपितों द्वारा घटना को अंजाम देने की बात की पुष्टि की. यह घटना 23 फरवरी 2011 घटी थी. पुलिस ने आरोपितों की पहचान की और आरोप पत्र दाखिल किया. मामला ट्रायल में आया व सजा सुनायी गयी.
जिन्हें मिली सजा
संदीप कुमार सिंह- पंडित सुंदर लाल मिश्रा रोड, देवघर
मुन्ना कुमार सिंह- पुरनदाहा, देवघर
धर्मेंद्र कुमार सिंह- कास्टर टाउन, देवघर