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बीएड फी मामले में नहीं बनी बात, वार्ता विफल
दुमका: सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में पिछले एक सप्ताह से लटका ताला सोमवार को भी नहीं खुल सका. छात्रों के साथ पूरे साढ़े चार घंटे तक वार्ता चली. इसके बाद शाम पांच बजे वार्ता बेनतीजा ही खत्म हुई. वार्ता के लिए विभिन्न कॉलेजों से छात्र प्रतिनिधि पहुंचे थे. कई छात्राएं भी पहुंचीं थीं. बात बनी […]
दुमका: सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में पिछले एक सप्ताह से लटका ताला सोमवार को भी नहीं खुल सका. छात्रों के साथ पूरे साढ़े चार घंटे तक वार्ता चली. इसके बाद शाम पांच बजे वार्ता बेनतीजा ही खत्म हुई. वार्ता के लिए विभिन्न कॉलेजों से छात्र प्रतिनिधि पहुंचे थे. कई छात्राएं भी पहुंचीं थीं.
बात बनी भी, बिखरी : इन सभी छात्र-छात्राओं ने वार्ता शुरु होने से पहले खुद एक बैठक की, फिर आमराय बनाकर लिखित अपनी मांग-पत्र देते हुए वार्ता को लेकर बैठक में शामिल हुए. आरंभिक चरण में वार्ता में अधिकांश बिंदुओं पर सहमति बन गयी थी. फी पर भी विश्वविद्यालय प्रशासन झुक गया था और छात्रों की 44 हजार रुपये के वार्षिक फी पर राजी हो गया था, लेकिन अंत में छात्रों के एक वर्ग ने दोनों सत्रों में मिलाकर 44 हजार रुपये सालाना फी देने की बात उठा दी, जिससे वार्ता के प्रयास विफल हो गया.
वार्ता के लिए गठित की गयी समिति में प्रोवीसी डॉ सत्यनारायण मुंडा, नोडल पदाधिकारी डॉ अवध प्रसाद, छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ विनोद कुमार झा, एसपी कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुरेंद्र झा, साहिबगंज कॉलेज के प्राचार्य डॉ सीताराम प्रसाद यादव, केकेएम कॉलेज के प्राचार्य डॉ सीएस झा, एएस कॉलेज के प्रो गौरव गंगोपाध्याय एवं गोड्डा कॉलेज के प्राचार्य डॉ जीके ठाकुर आदि ने बारी-बारी से अपने विचारों को रखा तथा बीएड को चलाने के लिए छात्रों से सहयोग की अपील की. वहीं छात्रों ने कहा कि इस क्षेत्र के लोगों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए ही फी तय होनी चाहिए. छात्रों की ओर से श्यामदेव हेंब्रम, अनिल कुमार मरांडी, सिद्धोर हांसदा, राजीव बास्की, निर्मल मुर्मू, सुनील कुमार, हेमंत दास आदि ने अपनी बातें रखी.
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