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डीआरडीए को जिप में मर्ज करने की प्रक्रिया शुरू
देवघर: झारखंड बनने के 15 सालों बात ही सही जिला प्रशासन को श्रावणी मेले के लिए स्थायी इंफ्रास्ट्रक्चर की चिंता हुई है. क्योंकि दूसरी सोमवारी को हुए हादसे ने न सिर्फ जिला प्रशासन बल्कि सरकार को भी झकझोर कर रख दिया था. उसी समय से सरकार भी एक्टीव हुई और मेले के लिए व्यापक योजना […]
देवघर: झारखंड बनने के 15 सालों बात ही सही जिला प्रशासन को श्रावणी मेले के लिए स्थायी इंफ्रास्ट्रक्चर की चिंता हुई है. क्योंकि दूसरी सोमवारी को हुए हादसे ने न सिर्फ जिला प्रशासन बल्कि सरकार को भी झकझोर कर रख दिया था. उसी समय से सरकार भी एक्टीव हुई और मेले के लिए व्यापक योजना बनाने का निर्देश दिया गया.
इसी परिप्रेक्ष्य में डीसी राहुल पुरवार ने विकास भवन के सभागार में विभिन्न स्कूलों के प्राचार्य और विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की. डीसी ने कहा कि झारखंड बनने के बाद से अब तक हर साल मेले में अस्थायी इंफ्रास्ट्रक्चर पर लाखों खर्च किये जाते हैं. लेकिन अब दिनों दिन श्रावणी मेले का स्वरूप विस्तृत होता जा रहा है. इसी कारण अब स्थायी इंतजाम जरूरी है. इसके लिए सरकार भी काफी गंभीर है. बैठक में आये सुझाव के मुताबिक आरएल सर्राफ स्कूल के पीछे जर्जर हॉस्टल स्थल, आरमित्रा हाई स्कूल प्रांगण, बीएड कॉलेज मैदान, पुलिस लाइन और जसीडीह हाई स्कूल प्रांगण में स्थायी इंफ्रास्ट्रक्चर बनाये जा सकते हैं. जिसका उपयोग सालों भर स्कूल करें और एक माह श्रावणी मेले के दौरान जिला प्रशासन करेगा.
यहां विकसित हो सकता है इंफ्रास्ट्रक्चर
आर मित्रा प्लस टू स्कूल में बड़ा अॉडिटोरियम/हॉल का निर्माण, आरएल सर्राफ हाई स्कूल के पीछे जो जर्जर हॉस्टल भवन है, उसकी जगह भी बड़ा हॉल/मल्टी स्टोरिज बिल्डिंग, पांच हजार फोर्स के आवासन के लिए पुलिस लाइन और जसीडीह हाई स्कल में बड़ा कांप्लेक्स का निर्माण शामिल है. इसी तरह बीएड कॉलेज में मीनी स्टेडियम का निर्माण करवाया जा सकता है. इस पर विभिन्न स्कूलों के प्राचार्य व प्रबुद्ध लोगों ने अपनी बातें रखी.
अल्टरनेट रूट लाइनिंग पर विचार
हर बार देखा जा रहा है कि भीड़ बढ़ने के कारण कांवरियों की कतार मुख्य सड़क तक पहुंच जा रही है. ट्रैफिक की समस्या के अलावा हादसे की भी संभावना बनी रहती है. इसलिए रूट लाइनिंग का अल्टरनेट खोजने पर चर्चा हुई. डीसी ने कहा कि अब नंदन पहाड़ से सड़क मार्ग से कांवरियों को बेलाबगान और डढ़वा नदी की ओर न भेज कर उसे नंदन पहाड़ के पास वाले इलाके में ही कैसे कतारबद्ध किया जाये, इसकी संभावना तलाशा जायेगा. क्योंकि ये रूट लाइन यदि विकसित हो गया तो आने वाले समय में कांवरियों के लिए काफी सुरक्षित हो सकता है. बैठक में डीडीसी मीना ठाकुर, नगर निगम के अपर आयुक्त अवधेश पांडेय, समीर चौबे, बीएड कॉलेज के प्रतिनिधि, बीआइटी के प्रतिनिधि, डीएसए प्रतिनिधि, रेड रोज के प्राचार्य, आरमित्रा, आरएल सर्राफ आदि के प्रतिनिधि/प्राचार्य मौजूद थे.
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