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रात को सदर अस्पताल में नहीं मिलता एंबुलेंस
देवघर : सदर अस्पताल में शुक्रवार रात को उस वक्त अजीब स्थिति हुई जब नगर पुलिस एंबुलेंस लेने गयी और परिसर में खड़ी एक एंबुलेंस के मालिक ने भेजने से इनकार कर दिया. एंबुलेंस मालिक ने नगर थाने की गश्ती दल को अस्पताल की दीवार पर अंकित सरकारी एंबुलेंस चालकों के मोबाइल नंबर को दिखाते […]
देवघर : सदर अस्पताल में शुक्रवार रात को उस वक्त अजीब स्थिति हुई जब नगर पुलिस एंबुलेंस लेने गयी और परिसर में खड़ी एक एंबुलेंस के मालिक ने भेजने से इनकार कर दिया.
एंबुलेंस मालिक ने नगर थाने की गश्ती दल को अस्पताल की दीवार पर अंकित सरकारी एंबुलेंस चालकों के मोबाइल नंबर को दिखाते हुए कॉल करने कहा. सामने दीवार पर तीन सरकारी एंबुलेंस के चालक का नंबर अंकित था. दो चालकों ने गाड़ी खराब होने की बात कही.
फिर नगर थाना गश्ती दल अस्पताल परिसर के क्वार्टर में रहने वाले चालक के आवास पर गयी. उसने जाने से आनाकानी की तो पुलिस गश्ती दल ने सिविल सजर्न को एंबुलेंस के लिये कॉल किया. फिर सीएस के निर्देश पर सदर अस्पताल की एक जजर्र एंबुलेंस निकली. जानकारी के अनुसार मारपीट की घटना में गंभीर मधुपुर के एक पान दुकानदार को बेहतर इलाज के लिये रांची भेजने के लिये नगर पुलिस द्वारा एंबुलेंस खोजा जा रहा था.
मधुपुर के पान दुकानदार का इलाज बाजला चौक के समीप के एक प्राइवेट आइसीयू अस्पताल में चल रहा था. एंबुलेंस लेने में हुई परेशानी की जानकारी नगर थाने की गश्ती दल ने थाना प्रभारी को दी. सूचना मिलते ही थाना प्रभारी मनोज गुप्ता भी अस्पताल पहुंच गये. प्राइवेट एंबुलेंस के बारे में पूछताछ किया तो जानकारी मिली कि उक्त एंबुलेंस सदर अस्पताल के बड़ा बाबू की थी.
थाना प्रभारी ने अस्पताल के बड़ा बाबू की जम कर क्लास लगायी और कहा कि अगर प्राइवेट एंबुलेंस लोगों की जान बचाने में काम नहीं दे सकता तो क्यों सरकारी अस्पताल में पार्किग किया गया है. थाना प्रभारी ने अस्पताल के बड़ा बाबू को शीघ्र अस्पताल परिसर से एंबुलेंस निकालने का निर्देश दिया.
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