देवघर: अधिकारियों के अय्यासी का प्वाइंट मधुपुर भी रहा है. मधुपुर से पूर्व कल्याण पदाधिकारी अशोक प्रसाद का गहरा लगाव रहा है. पुलिस को इसका कई प्रमाण मिले हैं. पुलिस उन बिंदुओं को ध्यान में रख कर मधुपुर अनुमंडल क्षेत्र में कल्याण पदाधिकारी के कई करीबी माने जानेवाले को हिरासत में लेकर पूछताछ कर सकती है. कल्याण पदाधिकारी के कारनामों को लेकर किसी आम जनता ने एक सीलबंद पत्र एसपी सहित नगर थाने को भेजा है.
पुलिस सूत्रों के अनुसार मधुपुर अनुमंडल क्षेत्र केएक प्रारंभिक स्कूल के शिक्षक कल्याण पदाधिकारी के करीबी माने जाते थे. शिक्षक को अपने स्कूल से कोई लेना-देना नहीं था. कभी वे अपने स्कूल झांकने भी नहीं जाते थे. विभागीय पदाधिकारियों के बीच शिक्षक के दबदबा का भय इस कदर कायम था कि कोई उन्हें हाथ डालने की हिम्मत भी नहीं जुटा सकते थे. मधुपुर अनुमंडल क्षेत्र में कल्याण विभाग द्वारा संचालित कार्यो का देख-रेख भी प्रारंभिक शिक्षक ही करते थे. पुलिस सूत्रों की मानें तो प्रारंभिक शिक्षक की सूबे के एक पूर्व मंत्री से भी घनिष्ठता थी. वहीं प्रारंभिक शिक्षक के परिजन भी जन प्रतिनिधि हैं.
कल्याण के कार्यो की हो जांच
अनुमंडल क्षेत्र में संचालित कल्याण विभाग के कार्यो के जांच की अब मांग उठने लगी है. लोगों का कहना है कि कल्याण विभाग के अधिकांश कार्य विभागीय व संस्था के स्तर से कराया जाता था. ऐसी योजनाओं का कार्य पेटी कांट्रेक्ट पर कराया जाता था. सूत्रों के अनुसार इन कार्यो को कराने में एक प्रारंभिक स्कूल के शिक्षक की भी महती भूमिका रही है. शिक्षक करोड़ों की बेनामी संपत्ति भी बनाये हैं. अगर प्रारंभिक शिक्षक की संपत्ति व कल्याण विभाग के कार्यो की जांच करायी गयी तो कई लोग कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं.