देवघरः बिहार के विभिन्न जिलों में चापाकल में जहर डालने व पानी पीने से बच्चों के बीमार पड़ने की खबर इन दिनों चर्चा में है. इसको लेकर लोग पहले से ही सशंकित थे. तभी शनिवार को देवघर में भी ऐसी घटना सामने आयी. मदरसा के पास लगे पीएचइडी की टंकी से पानी पीने के बाद हुई रिक्शा चालक की मौत की खबर शहर में आग की तरह फैल गयी. उत्सुकता वश लोग मामले की जानकारी लेने के ख्याल से घटनास्थल पहुंच रहे थे. दिन भर लोग सहमे रहे. सभी रिक्शा चालक की मौत के कारण जानने को इच्छुक थे.
खुला था टंकी का ढक्कन
मदरसा के समीप लगे पीएचइडी की टंकी संख्या-16 के समीप कोई सुरक्षा नहीं थी. ढक्कन भी खुला हुआ था. अगर ऊपर से कुछ विषैला पदार्थ कोई डाल दे या विषैला कीड़ा ही गिर जाता तो लोग क्या कर सकते.
श्रवणी मेले में लगी है 12 टंकी, नहीं है कोई सुरक्षा
देवघरः श्रवणी मेला क्षेत्र में पीएचइडी द्वारा कुल 12 पानी की टंकी लगायी गयी है. मदरसा ग्राउंड, प्राइवेट बस स्टैंड, सरकारी बस स्टैंड, क्लब ग्राउंड, ट्रैकर स्टैंड सहित अन्य भीड़ भाड़ वाले स्थानों में पीएचइडी ने पानी की टंकी लगायी है. टंकी तो लगा दिया गया है किंतु किसी भी टंकी का रख-रखाव उचित नहीं है. किसी भी पानी टंकी में सही तौर पर ढक्कन भरी नहीं है. वहीं पीएचइडी द्वारा इन टंकियों की रेगुलर साफ-सफाई भी नहीं की जाती है.
किसी भी टंकियों के आसपास कोई सुरक्षा का बंदोबस्त भी नहीं है. अगर किसी के द्वारा इन टंकियों में जहरीला पदार्थ ही डाल दे तो पुलिस-प्रशासन क्या कर सकती है. वहीं अगर कोई जहरीला कीट आदि टंकी में गिरता तो, यह भी जानकारी किसी को नहीं मिल पाती. रिक्शा चालक की मौत के बाद हर पीएचइडी अपना पल्ला झाड़ रही है. घटनास्थल पर पहुंचे पीएचइडी के जेइ रामेश्वर सिंह ने पत्रकारों से कहा टंकी में पानी फायर ब्रिगेड रोजाना भरता है. साथ ही टंकी में पानी डालने व रखरखाव का जिम्मा ठेकेदार लाल मणि ओझा को दिया गया है. अगर सावन में इन टंकियों का पानी पीने के बाद किसी श्रद्धालु को कुछ होता तो जिम्मेवार कौन होते?