– जर्मनी में हैं चीफ इंजीनियर ऑफ यूरोप मैरीन-पूर्व में थे मैरीन के सहायक अभियंता-अपनी प्रतिभा के बल पर 13 साल में बने चीफ मैरीन इंजीनियर-यूक्रेन से ली थी बीटेक व एमटेक की डिग्रीदिनकर ज्योति, देवघरदेवघर की गलियों से निकलकर पूर्णानंद झा उर्फ दीपक देश का मान यूरोप में बढ़ा रहे हैं. वह यूरोप में मैरीन चीफ इंजीनियर हैं. देवघर जैसे छोटे से शहर के रहनेवाले दीपक की जिनती तारीफ की जाय वह कम ही है. आज वह शहर में युवाओं के बीच आइकॉन बन गये हैं. अपने छोटे से कार्यकाल में मेहनत और ईमानदारी के बल पर वह इतने बड़े पोस्ट पर पहुंच चुका है. वह पहला इंडियन है जिनकी नियुक्ति चीफ इंजीनियर ऑफ यूरोप मैरीन के रूप में हुई है. उनकी इस सफलता पर परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गयी. पिता अंदेशानंद झा सिंचाई विभाग में इंजीनियर थे. वह 2004 में सेवानिवृत्त हुए हैं. श्री झा ने बताया कि दीपक में प्रतिभा कूट-कूट कर भरी थी. वह कुछ करना चाहता था. इसके लिए कठिन परिश्रम करता था. भाग्य ने भी साथ दिया. पटना से मैट्रिक परीक्षा में टॉपर थे. साइंस कॉलेज पटना से प्रथम श्रेणी से पास होने के बाद यूक्रेन चले गये. वहां से बीटेक व एमटेक की डिग्री ली. उसके बाद जर्मनी आ गये. वहां पहले सहायक इंजीनियर की नौकरी मिली. वहां 13 साल कार्य करने के बाद जर्मनी में आयोजित वर्ल्ड मैरीन परीक्षा में पास होकर चीफ इंजीनियर ऑफ यूरोप मैरीन के तौर पर प्रमोशन दिया गया.
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देवघर के दीपक ने यूरोप में बढ़ाया देश का मान
– जर्मनी में हैं चीफ इंजीनियर ऑफ यूरोप मैरीन-पूर्व में थे मैरीन के सहायक अभियंता-अपनी प्रतिभा के बल पर 13 साल में बने चीफ मैरीन इंजीनियर-यूक्रेन से ली थी बीटेक व एमटेक की डिग्रीदिनकर ज्योति, देवघरदेवघर की गलियों से निकलकर पूर्णानंद झा उर्फ दीपक देश का मान यूरोप में बढ़ा रहे हैं. वह यूरोप में […]
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