देवघर: अपराधियों के लिए जसीडीह-पटना रेलखंड सॉफ्ट टारगेट बनता जा रहा है. अपराधी आराम से ट्रेन पर चढ़ते हैं और घटना को अंजाम देकर आसानी से उतर कर चले जाते हैं. बावजूद इन घटनाओं पर रोक लगा पाने में रेलवे विफल है. इस रेलखंड पर यात्रियों की सुरक्षा पूर्णत: भगवान भरोसे है.
आम तौर पर जसीडीह से पटना की तरफ व बरौनी-बेगुसराय रूट में आने-जाने वाली ट्रेनों में एस्कॉर्ट पार्टी नहीं के बराबर रहती है. अगर कुछ दूर तक रेलवे का एस्कॉर्ट जाता भी है तो वह भी लाठी पार्टी. हाल के दिनों में जसीडीह से पटना के बीच ट्रेन में डकैती कांड की आधे दर्जन से अधिक घटनाएं हो चुकी है. 10 दिनों के अंदर अपराधियों ने पाटलिपुत्र एक्सप्रेस व छपरा-टाटा एक्सप्रेस ट्रेन में डाकेजनी की घटना को अंजाम दिया. बावजूद रेल सुरक्षा का कोई ठोस इंतजाम नजर नहीं आ रहा.
16 जुलाई 2014 को भी हुई थी छपरा टाटा एक्सप्रेस में 10 लाख की लूट
16 जुलाई 2014 को बड़हिया-जसीडीह मुख्य रेलखंड पर छपरा से टाटानगर जा रही छपरा-टाटा एक्सप्रेस (18182) के एसी बोगी बी-1 पर अपराधियों ने धावा बोल जम कर लूटपाट की थी. बोगी पर सवार एक 20 वर्षीय युवती को अपराधी उठा कर ले जाने का प्रयास भी किया था. यही नहीं, अपराधियों ने बर्थ पर सोयी एक तीन वर्षीय बच्ची रितिका (मोतिहारी) को उठा कर पटक दिया था. इससे वह बेहोशी हो गयी थी. महिला और लड़कियों से अपराधियों ने छेड़खानी की थी और विरोध करने पर यात्रियों के साथ मारपीट भी की थी. करीब 15 यात्री चोटिल हुए थे. बोगी के करीब 40 यात्रियों से अपराधियों ने करीब 10 लाख से अधिक की लूटपाट की थी और जमुई स्टेशन पहुंचने से पूर्व ही अपराधी चेन पुलिंग कर भाग निकले थे.
सात अगस्त को हुई थी पूर्वाचल एक्सप्रेस में डकैती : वर्ष 2014 में सात अगस्त को जसीडीह से पूर्वाचल एक्सप्रेस ट्रेन खुलने के बाद तुलसीटांड़ पार करने के बाद वैक्यूम कर 16-17 सशस्त्र अपराधियों ने बी-1 व बी-2 बोगी के यात्रियों से करीब 10 लाख लूटे थे. थाइलैंड की टूरिस्ट तुलियन से भी लूटपाट कर बदतमीजी की थी. वहीं प्रतिरोध करने पर आसनसोल के आरपीएफ एएसआइ बीबी यादव को चाकू मार कर घायल कर दिया था. इस कांड की प्राथमिकी जसीडीह रेल थाने में ही दर्ज करायी गयी थी.