फोटो नं0 26 एसबीजी चुनाव 1 हैकैप्सन – रविवार को अभिक्राम सिंह आज भी साहिबगंज के लोग कुछ दशक पूर्व साहिबगंज में मौजूद कंट्रोल रूम व छोटे मोटे कारखानों को याद करते हैं. झारखंड राज्य बनने के बाद एक उम्मीद जगी थी कि यहां फिर से लोको कंट्रोल रूम खोला जायेगा. लेकिन वह भी सपना बन गया. यहां की जनता ने कई जनप्रतिनिधियों को चुनकर सत्ता तक भेजा. लेकिन कोई भी विकास के लिए खरा नहीं उतर सका. साहिबगंज झारखंड राज्य के अंतिम छोर पर बसा है. जहां उत्तर में बिहार राज्य को गंगा नदी से जोड़ती है. दक्षिण में खनिजों का भंडार है. फिर भी साहिबगंज उजड़ा है. जनप्रतिनिधि यहां से चुनकर जाते हैं, लेकिन जीत के बाद यहां के लिए सोचना मुनासिब नहीं समझते हैं. यहां के मुख्य मुद्दा गंगापुल, खासमहाल जो पुरा मुद्दों में एक है. क्या कभी भी सदन व राज्य में ठोस आवाज में उठाया है कभी नहीं. यहां की जनता भी उन्हें विकास की याद नहीं दिलाते हैं जिस कारण उनकी निंद्रा नहीं टूटती. हम जनता भी इस उजड़े हुए साहिबगंज के लिए उतने ही दोषी हैं, जितने यहां के जनप्रतिनिधि. हम सामाजिक कार्यकर्ता यहां के मुद्दों को सामने रखते हैं, लेकिन इन मुद्दों को केंद्र व राज्य में जनप्रतिनिधि नहीं उठा पाते हैं. इससे इस क्षेत्र का विकास एक सपना बन गया. वर्तमान से अच्छा भूतकाल का ही साहिबगंज अच्छा था.अभिक्राम सिंहजिला विकास समिति प्रमुख.
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नहीं स्थापित हो सके साहिबगंज में उद्योग : अभिक्राम
फोटो नं0 26 एसबीजी चुनाव 1 हैकैप्सन – रविवार को अभिक्राम सिंह आज भी साहिबगंज के लोग कुछ दशक पूर्व साहिबगंज में मौजूद कंट्रोल रूम व छोटे मोटे कारखानों को याद करते हैं. झारखंड राज्य बनने के बाद एक उम्मीद जगी थी कि यहां फिर से लोको कंट्रोल रूम खोला जायेगा. लेकिन वह भी सपना […]
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