देवघर. दीपावली पर्व 23 अक्तूबर गुरुवार 2014 को पड़ रहा है. यह संपूर्ण दिवस की लक्ष्मी पूजन की दृष्टि से श्रेष्ठ होता है, लेकिन स्थिर, लग्न व प्रदोष व्रत काल सर्वोत्तम होता है. प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद आता है. देवघर में सूर्यास्त सायं पांच बजकर आठ मिनट पर होगा. उसके बाद पूजन उत्तम माना जायेगा. उसमें भी स्थिर लग्न में की गयी पूजा से माता लक्ष्मी स्थायी रूप से घर में निवास करती है व प्रदोष काल उन्हें सार्वजनिक प्रिय होता है. स्थिर लग्न में वृषभ लग्न एवं सिंह लग्नों में लक्ष्मी पूजन किये जाने का विधान है. प्रत्येक शहर में लग्न का प्रारंभ समय अलग अलग होता है. पाठ की सुविधा के लिए वृष लग्न व सिंह लग्न का प्रारंभ एवं समाप्ति का समय दिया जा रहा है. पाठक नजदीक के स्थान से अपना दीपावली पूजन का समय का उपयोग कर सकते हैं. वृषभ लग्नसिंह लग्नदेवघर 6.29 सायं से 8.25 रात्रि12.57 रात्रि से 3.11 रात्रि तक पाकुड़ 6.24 सायं से 8.20 रात्रि12.52 रात्रि से 3.06 रात्रि तकजामताड़ा 6.30 सायं से 8.26 रात्रि तक 12.58 रात्रि से 3.12 रात्रि तकसाहिबगंज 6.25 सायं से 8.21 रात्रि तक 12.53 रात्रि से 3.07 रात्रि तकदुमका6.27 सायं से 8.23रात्रि तक 12.55 रात्रि से 3.09 रात्रि तकगोड्डा6.28 सायं 8.24 रात्रि तक 12.56 रात्रि से 3.10 रात्रि तक
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दीपावली पूजन: प्रमोद शृंगारी
देवघर. दीपावली पर्व 23 अक्तूबर गुरुवार 2014 को पड़ रहा है. यह संपूर्ण दिवस की लक्ष्मी पूजन की दृष्टि से श्रेष्ठ होता है, लेकिन स्थिर, लग्न व प्रदोष व्रत काल सर्वोत्तम होता है. प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद आता है. देवघर में सूर्यास्त सायं पांच बजकर आठ मिनट पर होगा. उसके बाद पूजन उत्तम माना […]
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