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पुनासी जलाशय का प्राक्कलन अब 800 करोड़

देवघर: झारखंड सरकार पुरानी जलाशय योजनाओं को जल्द पूरा करवाने के प्रति कृत संकल्पित है. कुछ योजनाएं फॉरेस्ट क्लियरेंस के कारण रूकी है. जल्द ही फॉरेस्ट क्लियरेंस भी मिल जायेगा. इसमें पुनासी जलाशय योजना महत्वपूर्ण है. पुरानी योजना के कारण इसका पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार हो रहा है. अब इस योजना की लागत तकरीबन 800 करोड़ […]

देवघर: झारखंड सरकार पुरानी जलाशय योजनाओं को जल्द पूरा करवाने के प्रति कृत संकल्पित है. कुछ योजनाएं फॉरेस्ट क्लियरेंस के कारण रूकी है. जल्द ही फॉरेस्ट क्लियरेंस भी मिल जायेगा. इसमें पुनासी जलाशय योजना महत्वपूर्ण है.

पुरानी योजना के कारण इसका पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार हो रहा है. अब इस योजना की लागत तकरीबन 800 करोड़ हो जायेगी. उक्त बातें जल संसाधन विभाग के सचिव अविनाश कुमार ने देवघर सर्किट हाउस में पत्रकारों से कही. वे बाबा मंदिर में पूजा अर्चना व विभागीय समीक्षा करने देवघर आये थे. उन्होंने कहा कि पुनासी जलाशय बहुत पुरानी योजना है. अभी काम जोर-शोर से चल रहा है. फॉरेस्ट क्लियरेंस नहीं मिलने के कारण रीवर क्लोज नहीं हो पा रहा है. क्लियरेंस मिलते ही स्पील-वे का काम शुरू हो जायेगा. मुख्य कनाल का काम चल रहा है.

विस्थापन नीति के अनुसार मिल रहा लाभ : सचिव ने कहा कि पुनासी हो या अन्य योजनाओं के विस्थापित, सभी को नयी विस्थापन व पुनर्वास नीति के तहत लाभ दिया जा रहा है. विस्थापित इससे संतुष्ट भी हो रहे हैं. पुनासी के मामले में दो गांव आस्ता व बासाकोला का मामला कंप्लीकेटेड है. इसके लिए नीतिगत सुधार की जरूरत है. विभाग इस पर विचार कर रहा है.

पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित होगा सिकटिया डैम : उन्होंने कहा कि सिकटिया डैम को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिए माननीय स्पीकर ने प्रस्ताव दिया था. जलसंसाधन विभाग, पर्यटन और वन विभाग मिलकर पर्यटन विकास के लिए काम करेगा. वैसे वहां एक विश्रम गृह का निर्माण हो रहा है. सचिव ने कहा कि सूचना मिली कि अजय बराज का गेट लिक कर रहा है. मुख्य अभियंता को उन्होंने भेजा है, मामले को देखने.

कई योजनाएं देवघर संताल की हैं पाइप लाइन में : सचिव ने कहा कि संताल और खास तौर से देवघर के लिए कई बड़ी योजनाओं का डीपीआर बनाने का काम अंतिम स्टेज में है. ये योजनाएं बन जायेगी तो जल संरक्षण, किसान के खेतों को पानी और कहीं भी जलसंकट नहीं होगा. भूमिगत जल स्तर भी बरकरार रहेगा. जैसे त्रिकुट जलाशय योजना, त्रिवेणी केनाल और बुढ़ैई जलाशय योजना का डीपीआर फाइन स्टेज में है.

मयूराक्षी के कनाल के लिए 55 करोड़ की योजना तैयार: उन्होंने कहा कि मयूराक्षी नदी के पानी को बरबाद होने से रोकने के लिए 55 करोड़ की लागत से कनाल निर्माण की योजना तैयार है. इसे जल्द ही कैबिनेट की स्वीकृति के लिए रखा जायेगा. इसके अलावा ट्रिपल आर स्कीम जो मूलत: पुरानी जलाशय को जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं. उसका जीर्णोद्धार की योजना तैयार है. वन विभाग का मामला कहीं-कहीं फंसा है. क्लियरेंस में लगे हैं. इस अवसर उन्होंने देवघर सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ बैठक कर योजनाओं की समीक्षा की. अधिकारियों ने चल रही योजनाओं की गति तेज करने का निर्देश दिया. मौके पर जिप उपाध्यक्ष परिमल कुमार सिंह, जल संसाधन विभाग के अधिकारी आदि मौजूद थे.

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