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दो महीने में मीटर करें ट्रांसफर, आठ हजार हर्जाना भी दें
देवघर : अगर उपभोक्ता सजग रहे और न्याय के लिए डटे रहे तो उसे इंसाफ जरूर मिलता है. जिला उपभोक्ता फोरम ने अपने एक फैसले में बिजली विभाग को ही झटका दे दिया है. बिजली विभाग के रवैये से परेशान श्यामगंज रोड निवासी अविनाश चौरसिया को लगातार संघर्ष के बाद आखिरकार आठ साल बाद इंसाफ […]
देवघर : अगर उपभोक्ता सजग रहे और न्याय के लिए डटे रहे तो उसे इंसाफ जरूर मिलता है. जिला उपभोक्ता फोरम ने अपने एक फैसले में बिजली विभाग को ही झटका दे दिया है. बिजली विभाग के रवैये से परेशान श्यामगंज रोड निवासी अविनाश चौरसिया को लगातार संघर्ष के बाद आखिरकार आठ साल बाद इंसाफ मिला.
जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम ने अविनाश चौरसिया की ओर से दाखिल वाद में वादी की ओर से पवन कुमार व प्रतिवादी की ओर से शैलेंद्र कुमार की बहस सुनने के बाद वादी के पक्ष में फैसला सुनाया. उपभोक्ता अदालत ने बिजली विभाग के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर को दो महीने के अंदर वादी के नाम से बिजली मीटर ट्रांसफर करने व मानसिक क्षति-पूर्ति की राशि पांच हजार व मुकदमा खर्च की राशि तीन हजार यानी कुल राशि आठ हजार रुपये 9 प्रतिशत की दर से भुगतान करने का आदेश दिया है.
यह आदेश फोरम के अध्यक्ष लालजी सिंह कुशवाहा व सदस्य दिलीप कुमार श्रीवास्तव की संयुक्त बेंच से आया. अविनाश चौरसिया ने बिजनेस के लिए दुकान लीज पर ली थी. इस दुकान में पूर्व के उपभोक्ता का मीटर लगा था. जिसे अपने नाम से ट्रांसफर करने के लिए आवेदन दिया. इइ के कहने पर निर्धारित शुल्क भी जमा कर कर दिया व रसीद भी ले ली.
लगातार बिजली विभाग का चक्कर लगाते-लगाते परेशान हो गये, लेकिन मीटर उनके नाम में ट्रांसफर नहीं किया. बिजली विभाग केवल आश्वासन देकर टालता रहा. विवश होकर 19 मार्च 2010 को परिवादी ने उपभोक्ता फोरम में वाद लाया, जहां पर लंबे समय तक न्यायिक प्रक्रिया में केस उलझता रहा. अंतत: जिला कंज्यूमर फोरम ने अविनाश चौरसिया के पक्ष में फैसला सुनाया.
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