देवघर: देवघर भूमि घोटाले में अब तक सीबीआइ ने दो प्राथमिकी दर्ज की है. इसमें एक देवघर भूमि घोटाला व दूसरी प्राथमिकी अभिलेखागार चोरी कांड की है. सीबीआइ की पहली प्राथमिकी के अनुसार आरोपितों के लगभग 55 ठिकाने पर छापेमारी भी कर चुकी है.
जबकि लगभग 70 लोगों से सीबीआइ ने पूछताछ की है. पिछले पांच माह के दौरान अभिलेखागार चोरी कांड में सीबीआइ ने अभिलेखागार में भी गहन जांच की व कई दस्तावेजों को खंगाला. जांच के दौरान ही कई सरकारी व गैर सरकारी लोगों से पूछताछ भी हुई.
देवघर भूमि घोटाला में नामजद आरोपित अमीन रजक, मणीभूषण व तरण राय की मौत हो चुकी है. इसमें अमीन रजक व हल्का कर्मचारी मणीभूषण की मौत तो निगरानी जांच के दौरान ही हो गयी थी. सीबीआइ अधिकारियों ने अमीन रजक व मणीभूषण से पूछताछ भी नहीं कर सकी. घोटाले में अमीन रजक के नाम से कई एकड़ जमीन का खुलासा हुआ था.
इन आरोपितों की मौत से सीबीआइ को जांच में थोड़ी परेशानी भी हो रही है. सूत्रों के अनुसार अब तक जिन आरोपितों की मौत हुई है सीबीआइ उनके भू-माफिया से जुड़े रहे तार को भी सीबीआइ तलाश रही है. आखिर इन आरोपितों की मदद लेकर किन-किन लोगों ने अपनी पूंजी बनायी व अवैध जमीन की रजिस्ट्री करायी. सीबीआइ जमीन अवैध रजिस्ट्री को केंद्र बिंदु मानकर जांच तेज की है. हालांकि सीबीआइ की ओर से दर्ज प्राथमिकी में अब तक कोई गिरफ्तारी भी नहीं हुई है. बताया जाता है कि जांच में लंबा समय लगने का फायदा उठाते हुए आरोपित अपने अकूत संपत्तियों को सलटाने में लगे हुए हैं तथा जो व्यक्ति जांच के दायरे में हैं वे भी अपनी संपत्ति को धीरे-धीरे ठिकाना लगा रहे हैं.