देवघर : बाबा मंदिर में कर्मचारियों ने प्रभारी अंजनी कुमार दुबे से कम वेतन व किसी प्रकार का लाभ नहीं मिलने की जानकारी दी. लोगों ने कर्मचारियों के बेहतर भविष्य के लिए मेडिकल आदि सुविधा की मांग करते हुए इपीएफ को पुन: चालू कराने की मांग की. प्रभारी ने सहायक प्रभारी से इपीएफ की जानकारी ली तो पता चला कि पूर्व में कर्मचारियों को इसका लाभ मिलता था.
लेकिन बाद में बंद कर दिया गया. पीएफ कार्यालय में पुन: चालू कराने के लिए मंदिर को 62 लाख रुपया जमा कराने के लिये विभाग ने मंदिर को पत्र भी लिखा था. इस पर प्रभारी ने तुरंत सहमति प्रदान करते हुए कहा कि कर्मचारी खुश तो सब खुश फाइल को कल तक भेजो एक सप्ताह में इसे प्रारंभ करो.
ड्यूटी करते कई बने हर्ट पेसेंट, कई की हुई मौत
मंदिर में ड्यूटी करते कई कर्मचारी हर्ट पेसेंट बने तो कइयों की मौत भी हो चुकी है. मंदिर की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. दिलीप मिश्र , मोती झा, कामेश्वर फलहारी आदि गर्भगृह में ड्यूटी के दौरान बीमारी की चपेट में आकर कम उम्र में ही मौत के मुंह में जा चुके है. वर्तमान में दारोगा अमित दत्त द्वारी को दिल का दौरा पड़ने से अभी कोलकाता के गुरुनानक अस्पताल में भर्ती हैं. इनके पिता स्व गुलाब दत्त द्वारी की मौत भी मंदिर के गर्भ में ड्यूटी करते हुए हृदय की बीमारी से हुई थी.
लेकिन, मंदिर की ओर से कोई मदद नहीं मिली. ये जानने के बाद प्रभारी ने सहायक प्रभारी दीपक मालवीय को एसबीआइ से हेल्थ इंश्योरेंस के बारे जानकारी लेकर दस-दस लाख का हेल्थ इंश्योरेंस कराने का निर्देश दिया. बताया कि कर्मचारियों से 40 फीसदी व मंदिर की ओर से 60 फीसदी राशि अंशदान दी जायेगी. प्रभारी ने अमित के परिवार वालों को कहा कि वे उनके साथ हैं. इलाज में पैसे की कमी नहीं होने दी जायेगी. परिवार के लोग मंदिर को लिख कर दें, हरसंभव मदद की जायेगी. और जरूरत पड़ी तो सभी वेतन मद से सहायता करेंगे.