सारठ: प्रशासन की लापरवाही के कारण देवघर जिले के सारठ प्रखंड के 44 गांवों के बीपीएल परिवार का नाम बीपीएल सूची से गायब है. वर्ष 2002 में सारठ प्रखंड क्षेत्र के इन 44 गांव के बीपीएल परिवार का नाम सूची में दर्ज था लेकिन वर्तमान में इन ग्रामीणों का नाम इस सूची में नहीं है. इस कारण से ग्रामीणों को बीपीएल के तहत मिलने वाला इंदिरा आवास, लाल कार्ड, अंत्योदय योजना, वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसका खुलासा आरटीआइ (सूचना का अधिकार) द्वारा सारठ प्रखंड कार्यालय से जानकारी मांगने से हुआ है.
जिन गांवों के लोगों का नाम इस सूची में नहीं है, उसमें सारठ प्रखंड के शिमला पंचायत के करमचन, राखजोर, महलजोरी, श्रीडंगाल, लोकपुर, पहरीडीह, छंदवा गांव, बड़बाद पंचायत का बड़बाद, धावाबाद, मंजूरजिला, हठलेदा गांव, ठाढ़ी पंचायत का चिकनियां गांव, मंझलाडीह पंचायत के सात गांव समेत अन्य पंचायत के कई गांव शामिल हैं. इसमें शिमला पंचायत का करमचन व रखजोर में अधिकांश पहाड़िया परिवार का नाम भी बीपीएल सूची से गायब है. जिन परिवारों का नाम सूची से हटाया गया वे अत्यंत ही गरीबी में गुजर बसर कर रहे हैं.
ये लोग फूस की झोपड़ी में रह कर बरसात व गरमी की दोहरी मार झेल रहे हैं. इन परिवारों के अधिकांश सदस्य काम नहीं मिलने के कारण जीविका के अभाव में अन्य प्रदेश काम करने चले जाते हैं. जितनी कमाई होती है उसी में सबकुछ खत्म हो जाता है. बचाने को कुछ नहीं रहता. समस्याओं को लेकर जब वह मुखिया के पास जाते हैं तो वहां भी बीपीएल कार्ड नहीं रहने के कारण बैरंग वापस होना पड़ता है. आरटीआइ कार्यकर्ता रघुनंदन सिंह ने कहा कि सारठ प्रखंड कार्यालय से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगने पर यह खुलासा हुआ है.
इस बार जो सामाजिक आर्थिक जनगणना हुई है जिसका प्रकाशन भी किया जा चुका है. शिकायत आने के बाद एक बार फिर से प्रकाशन किया जायेगा. छह माह तक लोगों को कष्ट झेलना पड़ेगा. उसके बाद जो भी आयेगा उसे लाभ मिलेगा.
नंद किशोर लाल, एसडीओ