11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड : ये कैसी बेबसी, दुधमुंही बच्ची को ट्रेन में छोड़ चली गयी मां

दूसरे समुदाय में प्रेम विवाह करने की सजा भुगत रही युवती पति ने छोड़ा तो मायके वालों ने भी बंद कर लिया दरवाजा देवघर : उस मां की बेबसी का अंदाजा लगाइए जिसे अपने एक माह की दुधमुंही बच्ची को ट्रेन के बाथरूम में छोड़ कर भागने पर मजबूर होना पड़ा हो. प्रेम विवाह के […]

दूसरे समुदाय में प्रेम विवाह करने की सजा भुगत रही युवती
पति ने छोड़ा तो मायके वालों ने भी बंद कर लिया दरवाजा
देवघर : उस मां की बेबसी का अंदाजा लगाइए जिसे अपने एक माह की दुधमुंही बच्ची को ट्रेन के बाथरूम में छोड़ कर भागने पर मजबूर होना पड़ा हो. प्रेम विवाह के एक साल बाद पति ने ठुकराया तो युवती दुधमुंही बच्ची के साथ मायके की शरण में पहुंची, लेकिन वहां भी उसे आसरा नहीं मिला. अलग समुदाय में प्रेम विवाह करने से नाराज परिजनों ने भी उसे अपनाने से इन्कार कर दिया.
इसके बाद बेबस युवती शनिवार को 18619 रांची-दुमका इंटरसिटी एक्सप्रेस में सवार हुई. रात भर अपने किये पर वह ट्रेन में सोचती रही. आखिरकार मां की ममता अपनी बेबसी के आगे हार गयी और उसने अपनी एक माह की नन्ही परी को ट्रेन के बाथरूम के अंदर ले जाकर छोड़ दिया. उस नन्हीं परी की करुण चीत्कार दुमका-रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस की उस बोगी में सवार यात्रियों के कानों तक पहुंची. किसी ने बाथरूम में झांका तो, पाया कि एक माह की नवजात वहां अकेली पड़ी है. बाथरूम से बच्ची को बाहर निकाला गया और यात्रियों ने बोगी में छिपकर बैठी उसकी मां को भी खोज ही लिया. इसी बीच दुमका-रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस जसीडीह स्टेशन पर पहुंच गयी.
इसके बाद यह सूचना आरपीएफ के पास पहुंची. सशस्त्र बलों के साथ आरपीएफ एएसआइ मनोज कुमार ट्रेन की उस बोगी में पहुंचे और मां-बेटी को उतार कर आरपीएफ पोस्ट में लाये. महिला सदमे में है. उसकी गरदन पर कई जख्म के निशान भी हैं. इससे इन्कार नहीं किया जा सकता कि उस पर किसी ने धारदार हथियार से प्रहार किया हो. फिलहाल वह कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं है. आरपीएफ के अनुसार महिला सदमे में है.
आरपीएफ ने मां-बेटी को सौंपा चाइल्ड लाइन को
एएसआइ मनोज कुमार ने पुलिसिंग से अलग हट कर सामाजिकता के नजरिये से मामले को देखा.पहले महिला को खाना खिलाया. फिर मां-बेटी को आरपीएफ बैरक में लाकर रखा. इसके बाद चाइल्ड लाइन को सूचित किया. फिलहाल मां-बेटी को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द किया गया है ताकि काउंसेलिंग कर सही मुकाम तक पहुंचाया जा सके. चाइल्ड लाइन के प्रतिनिधि कौशल पांडेय ने मामला गंभीर बताते हुए कहा कि काउंसेलिंग कर मामले को सुलझाने का प्रयास किया जायेगा. इसके बाद रियाजुल का पता लगाया जायेगा. वहीं उसके परिजनों से भी संपर्क कर समाधान निकाला जायेगा.
काफी कुरेदने के बाद मां ने बतायी बेबसी
टूटी-फूटी भाषा में वह बताती है कि साल भर पूर्व रामगढ़ जिले के रजरप्पा प्रोजेक्ट निवासी रियाजुल अंसारी से उसने प्रेम विवाह किया. अलग संप्रदाय के होने की वजह से परिजनों ने उसे रखने से इन्कार कर दिया. एक माह पूर्व पहली दिसंबर को उसे एक बच्ची हुई.
इसके बाद पति ने भी उससे नाता तोड़ लिया. मजबूरी में बच्ची के साथ वह रांची पहुंची, जहां मां-पिता ने भी उसे अपनाने से इन्कार कर दिया. ऐसे में वह भटकते हुए रांची स्टेशन पहुंची. सामने खड़ी रांची-दुमका इंटरसिटी ट्रेन पर वह बिना सोचे-समझे सवार हो गयी. सोचते-सोचते दिमाग सुन्न होने लगा. आखिरकार मां की ममता हार गयी और उसने बच्ची को बाथरूम में छोड़ दिया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें