कटोरिया/देवघर : बांका के पड़ोसी जिला देवघर (झारखंड) के जसीडीह जंक्शन के बाहर इन दिनों ऑटो सवार लुटेरों का गैंग सक्रिय हो गया है. जो साजिश के तहत ट्रेन से उतरने वाले लुटेरों को ऑटो पर बैठाते हैं और सुनसान जंगल या जगहों पर ले जाकर उनके सारे रूपये व सामान लूट लेते हैं. दुर्गापूजा से अब तक इस तरह की घटित कई वारदातों में कटोरिया व चांदन क्षेत्र के यात्री लूट के शिकार हुए हैं. अधिकांश मामलों में पीडि़त यात्री द्वारा प्राथमिकी दर्ज नहीं कराये जाने से ऑटो गैंग का मनोबल लगातार बढ़ता ही जा रहा है.
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जसीडीह में ऑटो गैंग सक्रिय लगातार लुट रहे रेल यात्री
कटोरिया/देवघर : बांका के पड़ोसी जिला देवघर (झारखंड) के जसीडीह जंक्शन के बाहर इन दिनों ऑटो सवार लुटेरों का गैंग सक्रिय हो गया है. जो साजिश के तहत ट्रेन से उतरने वाले लुटेरों को ऑटो पर बैठाते हैं और सुनसान जंगल या जगहों पर ले जाकर उनके सारे रूपये व सामान लूट लेते हैं. दुर्गापूजा […]
केस-1
गत 25 अक्तूबर को विश्वकर्मा नगर के डिगन शर्मा को भी ऑटो सवार लुटेरों ने अपना शिकार बनाया था. जसीडीह स्टेशन से सुबह करीब तीन बजे ऑटो पकड़ कर वह कटोरिया के लिये चला था. चांदन व इनारावरण के बीच में ऑटो को जंगली व सुनसान क्षेत्र में घुसा कर उससे नकदी समेत करीब 20 हजार रुपये की संपत्ति लूट ली थी. दुर्गापूजा से पहले जसीडीह स्टेशन से भैरोगंज के एक कपड़ा दुकानदार द्वारा दो बड़ा गट्ठर लोड करने के साथ ही सामान सहित ऑटो चालक गाड़ी स्टार्ट कर तेज गति से भाग निकला. जसीडीह स्टेशन पर अहले सुबह ऑटो पकड़ने वाले यात्रियों को ही ऑटो सवार लुटेरे अपना शिकार बनाते हैं. इस दिशा में पुलिस पदाधिकारियों के साथ-साथ जसीडीह स्टेशन से ऑटो पकड़ने वाले यात्रियों को सचेत रहने की जरूरत है.
केस-2
कटोरिया थाना क्षेत्र के तीनडोभा गांव निवासी वीरेंद्र यादव ने बताया कि गत 9 नवंबर की अहले सुबह करीब तीन बजे वे कोलकाता से जसीडीह स्टेशन उतरे. उनके साथ ससुर पूरन यादव व साला धनेश्वर यादव ग्राम बाराकोला (धनुवसार पंचायत) भी साथ थे. स्टेशन के बाहर लगी ऑटो पर यात्री बन कर तीन लुटेरे पहले से बैठे थे. हमलोगों को देख ऑटो चालक ने बुलाया और कहा कि कटोरिया ही जा रहे हैं. बैठिये, तुरंत ऑटो स्टार्ट करेंगे.
सामान सहित ऑटो से चले, तो दर्दमारा बॉर्डर से पहले बाइपास के बाद चालक ऑटो को कांवरिया पथ से होकर ले जाने लगा. गोडियारी के निकट ऑटो रोक कर सारा सामान लूट लिया. लुटेरों ने वीरेंद्र यादव से 14 हजार रुपये नकद, एक मोबाइल, लगभग पांच हजार रुपये का सामान, वोटर आइकार्ड, पैनकार्ड आदि लूटा. उसके ससुर पूरन यादव से 25 हजार रुपये नकद व सामान से भरा बक्सा तथा साला धनेश्वर यादव आठ हजार रुपये नकद व एक मोबाइल लुटेरों ने लूट ली. पीड़ितों ने बताया कि इस लूटपाट में ऑटो चालक की भी मिलीभगत रहती है.
सेंट्रलाइज बुकिंग सिस्टम की व्यवस्था नहीं
बड़े शहरों में सेंट्रलाइज अॉटो या कार बुकिंग सिस्टम डेवलप किया गया है. कोलकाता, मुंबई, दिल्ली जैसे बड़े शहरों में स्टेशन के बाहर या टेंपो स्टैंड पर जहां जाना है, वहां का निर्धारित भाड़ा देकर टोकन लें और नंबर में लगा अॉटो या कार आपको आपके गंतव्य तक पहुंचा देता है. लेकिन अभी तक देवघर में इस तरह का सिस्टम डेवलप नहीं हो पाया है. जबकि देवघर, दुमका, बांका, भागलपुर आदि इलाका एक
आध्यात्मिक सर्किट व टूरिस्ट सर्किट के रूप में डेवलप होता जा रहा है. यहां हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं अॉटो और कार से पर्यटन या धार्मिक स्थलों को जाते हैं. महत्वपूर्ण शहर होने पर भी सरकार या प्रशासन ने अभी तक इस ओर सोचा तक नहीं है. यही कारण है कि यात्री अॉटो या कार चालकों की ठगी के शिकार भी होते हैं या लूटे जाते हैं. क्योंकि कोई डाटाबेस ही नहीं होता है. यदि वह सिस्टम डेवलप होता तो यात्रियों को जो टोकन मिलता है उसमें वाहन नंबर अंकित रहता है. इससे वे पकड़ में आ जाते हैं.
पुलिस के पास नहीं है अॉटो चालकों का डाटा बेस
देवघर में तकरीबन साढ़े तीन हजार से अधिक अॉटो चलते हैं, लेकिन इन अॉटो चालकों का कोई डाटाबेस पुलिस के पास नहीं है. यही कारण है कि टेंपो यात्रियों से किसी तरह का अपराध होता है तो उस तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच पाता है.
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