19 अक्तूबर को भी पूजा, आरती व रात्रि 8:30 बजे अखंड जाप होगा. 20 अक्तूबर को 8:30 बजे पूजा के साथ मां काली की कुटिया में वापसी होगी. अनुष्ठान में शामिल होने बंगाल, लखनऊ, राजगीर, नैनी शरण, पटना आदि जगहों से मां के भक्त हरिलाजोड़ी पहुंचे हैं.
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हरिलाजोड़ी में मां काली पूजा का रजत जयंती वर्ष , आज निकलेगी शोभा यात्रा
देवघर: हरिलाजोड़ी श्मशान भूमि में श्रीश्री मां विशुद्धा द्वारा स्थापित मां काली मंदिर में 25वें वर्ष काली पूजा बुधवार को रात में होगी. इस रजत जयंती वर्ष में मां विशुद्धा के शिष्यों द्वारा काली मंदिर व कुटिया के आसपास सुंदर सजावट की गयी है. 18 अक्तूबर को सुबह सात बजे दुर्गा सप्तशति का पाठ होगा […]
देवघर: हरिलाजोड़ी श्मशान भूमि में श्रीश्री मां विशुद्धा द्वारा स्थापित मां काली मंदिर में 25वें वर्ष काली पूजा बुधवार को रात में होगी. इस रजत जयंती वर्ष में मां विशुद्धा के शिष्यों द्वारा काली मंदिर व कुटिया के आसपास सुंदर सजावट की गयी है. 18 अक्तूबर को सुबह सात बजे दुर्गा सप्तशति का पाठ होगा व संध्या छह बजे मां विशुद्धा की कुटिया से मां काली की प्रतिमा को पालकी में बैठा कर भव्य शोभा यात्रा के साथ काली मंदिर में स्थापित की जायेगी. वहीं रात 11:40 बजे मां की पूजा श्रीश्री मां विशुद्धा द्वारा की जायेगी.
श्रम करने वाले होते अधिक उत्साही : मां विशुद्धा
श्रीश्री मां विशुद्धा ने कहा कि हरिलाजोड़ी में रजत जयंती वर्ष में मां काली की पूजा के लिए कुटिया से लेकर मंदिर तक भक्तों ने अपने श्रम से सजावट की तैयारी की है. पूजा को लेकर भक्तों में उत्साह है, श्रम करने वाले ही उत्साही होते हैं. उपवास में रहकर पूजा की तैयारी करने वाले जब शाम में पूजा पर बैठते हैं तो उनके मन में उत्साह रहता है. पूजा में तन, मन व धन को त्याग करना पड़ता है. अपने अंदर त्याग के भाव से भक्ति करने वाले पर मां काली की कृपा बनी रहती है.
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