ऐसे में पुन: उन्हें रिमाइंडर दिये जाने की तैयारी चल रही है. इस संबंध में सीएस ने बताया कि रिमाइंडर भेजने के बाद भी प्रोजेक्ट मैनेजर अपना पक्ष रखने जांच कमेटी के पास नहीं आयेंगे व अपना लिखित जवाब नहीं देंगे तो जांच कमेटी समझेगी कि उनके द्वारा लगाया गया आरोप मनगढ़ंत व बेबुनियाद है. इसके बाद जांच कमेटी के सदस्य वैक्सीन स्टोर के क्षेत्रीय तकनीकी सहायक संजय कुमार से पूछताछ कर रिपोर्ट निदेशक प्रमुख को भेज देगी.
प्रोजेक्ट मैनेजर ने आरोप लगाया था कि वैक्सीन स्टोर के क्षेत्रीय तकनीकी सहायक ने टेंप्रेचर लॉगर स्टॉल करने नहीं दिया था और आपा खो दिया था. यह भी आरोप लगाया था कि दरवाजा बंद करते हुए उन्हें एमडी व डीआइसी का पत्र लाये बिना टेंप्रेचर लॉगर लगाने नहीं देंगे. फ्रीजर में पानी व दूध की बोतल रखे रहने के वजह से ही उन्हें रोकने की कोशिश की गयी थी. प्रोजेक्ट मैनेजर राठौर ने सीनियर यूएनडीपी प्रेम कमल को शिकायत की थी. प्रेम कमल की अनुशंसा पर निदेशक प्रमुख ने मामले की जांच का आदेश दिया था. सिविल सर्जन डॉ एससी झा व डीआरसीएचओ डॉ सुधीर प्रसाद को जांच कर पांच सितंबर तक रिपोर्ट मांगी गयी थी.