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सीबीआइ फिर करायेगी 25 संदिग्धों का डीएनए प्रोफाइलिंग

देवघर: जसीडीह डबल मर्डर मिस्ट्री में सीबीआइ विशेष अपराध शाखा पटना की टीम द्वारा फिर 25 संदिग्धों की डीएनए प्रोफाइलिंग कराये जाने की तैयारी है. सीबीआइ एससीबी पटना केस नं-आरसी0922014एस0003 की आइओ इंस्पेक्टर नीलम श्री के आग्रह पर सदर अस्पताल में 13 व 14 सितंबर को इन संदिग्धों का ब्लड सैंपल कलेक्ट कराया जायेगा. सिविल […]

देवघर: जसीडीह डबल मर्डर मिस्ट्री में सीबीआइ विशेष अपराध शाखा पटना की टीम द्वारा फिर 25 संदिग्धों की डीएनए प्रोफाइलिंग कराये जाने की तैयारी है. सीबीआइ एससीबी पटना केस नं-आरसी0922014एस0003 की आइओ इंस्पेक्टर नीलम श्री के आग्रह पर सदर अस्पताल में 13 व 14 सितंबर को इन संदिग्धों का ब्लड सैंपल कलेक्ट कराया जायेगा. सिविल सर्जन के निर्देश पर सदर अस्पताल के तीन सदस्यीय डॉक्टरों की मेडिकल बोर्ड गठित की गयी है. बोर्ड में डॉ सीके शाही, डॉ आरएन प्रसाद व डॉ बीपी सिंह शामिल हैं.

पहले दिन 13 सितंबर को 12 संदिग्धों व दूसरे दिन 14 सितंबर को 13 संदिग्धों का ब्लड सैंपल कलेक्ट किया जायेगा. इस संबंध में डीएस द्वारा पत्र जारी कर दिया गया है. संदिग्धों का ब्लड लिक्विड फोर्म (इन इडीटीए वैक्कयूटैनर ट्यूब) और ड्रायड फोर्म (ऑन स्टेराइल गज) में संग्रहित करना है. संग्रहित किये ब्लड सैंपल सीलबंद कर सीबीआइ एफएसएल नयी दिल्ली डीएनए जांच के लिए भेजा जाना है. उक्त संदिग्धों के सैंपल से दोनों सहेलियों के माता-पिता के ब्लड सैंपल से डीएनए प्रोफाइलिंग कराया जाना है.
क्या है मामला : 26 मई 2013 को जसीडीह थाना क्षेत्र की दो नाबालिग सहेलियां रहस्यमय परिस्थिति में गायब हो गयी थी. इसके दूसरे दिन 27 मई की शाम में डाबरग्राम पुलिस लाइन के पीछे तालाब से दोनों का शव मिला था. पोस्टमार्टम के बाद दोनों के कपड़े भी गायब मिले थे. इसके बाद सड़क से लेकर संसद तक हंगामा हुआ था. मामले की जांच के लिए राज्यपाल के दो-दो सलाहकार सहित डीजीपी समेत पुलिस के कई वरीय अधिकारियों ने यहां कैंप तक किया था. जिला पुलिस द्वारा मामले में कुछ नहीं कर पाने के बाद केस सीआइडी के पाले में गया था. सीआइडी भी इस मामले में कुछ खास हासिल नहीं कर सकी. इसके बाद परिजनों द्वारा हाइकोर्ट में याचिका दायर करने के पश्चात डबल मर्डर मिस्ट्री का केस सीबीआइ को ट्रांसफर किया गया था.

सीबीआइ द्वारा डीएनए प्रोफाइलिंग कराने के लिए कई संदिग्धों सहित परिजनों आदि का ब्लड सैंपलिंग कराया गया था. डीएनए जांच में भी सीबीआइ को कुछ खास हासिल नहीं हुई. इस प्रकार यह कांड अब तक अबूझ पहेली बनकर रह गयी है. दोनों के परिजन अब सीबीआइ से भी आस तोड़ सके हैं. इन लोगों का कहना है कि नहीं लगता कि सीबीआइ भी उनलोगों को न्याय दिला सकेगी.

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