इसके तहत सेप्टिक टैंक में जमा सेप्टेज को व्हीकल माउंटेड सुपर सकर या वैक्यूम मशीन के माध्यम से संग्रहित किया जायेगा. इसे ट्रीटमेंट प्लांट तक लाया जायेगा. सेप्टेज को दो चरणो में एमबीबीआर तकनीक से ट्रीटमेंट किया जायेगा. प्रथम चरण में स्लेग ट्रीटमेंट होगा एवं दूसरे चरण में सुपरनेटेंट का ट्रीटमेंट किया जायेगा. इसके बाद सेप्टेज में मौजूद हानिकारक तत्व अप्रभावी हो जायेंगे. ट्रीटेड वेस्ट वाटर को बागवानी, वाहन धुलाई, निर्माण कार्य आदि में पुन: उपयोग में लाया जा सकेगा. बचे हुए ठोस पदार्थ को कंपोस्ट के रूप में कृषि कार्य के लिए उपयोग में लाया जा सकेगा
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देवघर सेप्टेज प्रबंधन परियोजना के लिए 40.38 करोड़ की स्वीकृति
रांची : नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा देवघर सेप्टेज प्रबंधन परियोजना के लिए 40 करोड़ 30 लाख 83 हजार रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी है. इसके डीपीआर की मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है. इससे संबंधित संकल्प विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है. बताया गया कि देवघर नगर निगम में 39451 […]
रांची : नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा देवघर सेप्टेज प्रबंधन परियोजना के लिए 40 करोड़ 30 लाख 83 हजार रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी है. इसके डीपीआर की मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है. इससे संबंधित संकल्प विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है.
बताया गया कि देवघर नगर निगम में 39451 घर हैं. जिससे 82 केएलडी सेप्टेज(गंदा पानी) निकलता है. परियोजना के तहत देवघर में 101 केएलडी क्षमता का सेप्टेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की जायेगी. सेप्टेज प्रबंधन के तहत घरों से निकलने वाले सेप्टेज को वैज्ञानिक विधि से रिसाइकिल कर पुन: उपयोगी बनाने की प्रक्रिया चलायी जायेगी.
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