टंडवा : आम्रपाली के बाद अब मगध कोल परियोजना में कोयला भंडारण में आग सुलगनी शुरू हो गयी है़ भंडारण में रखा कोयला अंदर ही अंदर जल रहा है़ मगध कोल परियोजना में पांच अक्टूबर से कोयला उत्खनन का कार्य किया गया था़ डिस्पैच नहीं होने से कोयले का भंडारण बढ़ता जा रहा है़ मगध में फिलहाल दो लाख टन कोयले का भंडारण है़ इसके विपरित अधिकारियों की लापरवाही के कारण अबतक मात्र 600 टन कोयले का डिस्पैच हो पाया है़
मगध से कोयला डिस्पैच को लेकर ग्राम कमेटी व ग्रामीणों ने सहयोग कर रैयती जमीन में रास्ता दे दिया़ इसके बावजूद भी डिस्पैच कार्य गति नहीं पकड़ रहा है़ डिस्पैच पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वह समय दूर नहीं कि आम्रपाली की तरह मगध परियोजना में लाखों टन कोयला जलकर राख हो जायेगा़ ग्रामीणों से सीसीएल प्रबंधन को चेतावनी दी है कि कोयले का डिस्पैच कर उसे जलने से बचाया जाये, नहीं तो इसकी जवाबदेही सीसीएल की होगी़
क्या कहते हैं पीओ
इधर मगध परियोजना पदाधिकारी एसके सिंह ने बताया कि डिस्पैच बढ़ाने को लेकर प्रयास जारी है़ विदेशों से सस्ता दर पर कोयला मिलने के वजह से खरीदार स्थानीय कोयले में रूचि नहीं दिखा रहे है. नवंबर में 4600 टन व दिसंबर में पांच हजार टन कोयले का भंडारण हुआ है़ जिसका डिस्पैच शुरू हो गया है़ कहा कि कोयला गर्म होने के कारण धुआं उठ रहा है, जिसपर काबू पा लिया जायेगा़ फिलहाल ओबी से हटकर कोयले को सुरक्षित किया गया है़