Bridge at Rajrappa: महुआटांड़ (रामदुलार पंडा) : बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत बड़कीपुन्नू का आदिवासी बहुल टोला घघरी व रामगढ़ जिला अंतर्गत रजरप्पा स्थित महान शक्तिपीठ मां छिन्नमस्तिका मंदिर के बीच दामोदर नदी पर उच्चस्तरीय पुल का निर्माण पूरा हो चुका है. आवागमन भी शुरू हो गया है. पुल बन जाने के बाद महुआटांड़ क्षेत्र के 11 पंचायतों के ग्रामीणों में तो भारी खुशी है.
इस क्षेत्र के ग्रामीण दशकों से इस पुल की बाट जोह रहे थे. अब यहां के ग्रामीणों को घूमकर रजरप्पा जाने की बाध्यता खत्म हो चुकी है. इस प्रकार, अब शादी, मुंडन, गछति पूजा व अन्य धार्मिक रीति-रिवाजों के लिए ग्रामीण अपने वाहनों से सीधे रजरप्पा पहुंच जा रहे हैं.
पहले की स्थिति यह थी कि अगर शादी या मुंडन हो, तो रामगढ़ या समकक्ष स्थानों से होते हुए रजरप्पा जाना होता था या फिर घघरी में वाहन खड़ी कर नाव से मंदिर परिसर में प्रवेश करते थे. अब इन समस्याओं से ग्रामीणों को छुटकारा मिल गया है.
गोमिया के तत्कालीन विधायक योगेंद्र प्रसाद ने जनभावना को देखते हुए यहां पुल निर्माण का मुद्दा सदन में तीन बार उठाया था. नाव से पार होकर सांकेतिक आंदोलन भी किया था. इसके बाद यहां पुल निर्माण की स्वीकृति मिली थी. जनवरी, 2019 में तत्कालीन विधायक बबीता देवी ने पथ निर्माण विभाग बोकारो द्वारा घघरी में आयोजित समारोह में पुल का शिलान्यास किया था.
पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा
पथ निर्माण विभाग बोकारो द्वारा करीब 16 करोड़ 48 लाख लागत की इस 225 मीटर लंबे, 9 स्पेन(नदी के ऊपर भाग में लोहे का गाडर), 10 पिलर व दोनों ओर फुट लेन से युक्त इस उच्च स्तरीय पुल का लोकेशन भी मन को मोहता है. रंग-रोगन, दोनों ओर चौड़े संपर्क पथ आदि फिनिशिंग टच दिये जाने के बाद पुल का नजारा बहुत खास हो गया है.

पहले की अपेक्षा अब घघरी पहुंचने पर या दूसरे छोर से रजरप्पा पहुंचने में सहूलियत होगी. पुल में दोनों ओर 22 स्ट्रीट लाइट शाम होते ही खूबसूरत तस्वीर पेश करते हैं. हालांकि, अभी बिजली व्यवस्था दुरुस्त किया जाना बाकी है. पुल के ऊपर अभी से ही लोगों का जमावड़ा सेल्फी या फोटो खिंचाने के लिए लग रहा है.
पुल के ऊपर से दामोदर-भैरवी संगम, नौका विहार का नजारा और मंदिर का विहंगम दृश्य मन मोह लेता है. इससे साफ है कि आने वाले दिनों में आवागमन बढ़ने के साथ ही यहां पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. वहीं, इलाके में रजरप्पा की तरह विकास के नये मार्ग खुलेंगे. बता दें कि दामोदर में नौका विहार कराने वाले नाविक घघरी के ही निवासी हैं.

रजरप्पा भाया ललपनिया की दूरी घटी
घघरी-रजरप्पा के बीच पुल निर्माण से दूसरे कई जिलों से मां छिन्नमस्तिका मंदिर की दूरी बेहद कम हो चुकी है. हजारीबाग के विष्णुगढ़ का तो यह तीन जिलों गिरिडीह, हजारीबाग व बोकारो का जंक्शन पॉइंट है. अभी यहां से लोग रजरप्पा के लिए गोमिया, तेनुघाट, पेटरवार होकर करीब 80 किमी सफर करते हैं. अब गोमिया-ललपनिया के रास्ते रजरप्पा की दूरी 67 किमी रह जायेगी.
Posted By : Mithilesh Jha